फतेहाबाद

छठी की छात्रा बोली, बहुत गंदे है लड़के..कॉपी में लिखते है गंदे कॉमेट..हनीप्रीत कहकर चिढ़ाते है सहेली को

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
जिला बाल संरक्षण यूनिट की ओर से संस्थाओं के सहयोग से स्कूलों, आंगनबाड़ी, पंचायत घरों में लगाई शिकायत पेटिका के जरिए लड़कियों ने कई तरह की शिकायतें की है। इनमें ज्यादातर शिकायतें युवकों द्वारा छेड्छाड़, पीछा करना, भद्दे कॉमेंट कसने से संबंधित हैं। कई शिकायतों को देखतें तो लड़कियों को लेकर बड़े ही आपत्तिजनक कॉमेंट किए गए हैं। जिन्हें देखकर संबंधित अधिकारी भी दंग रह जाते हैं।
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छठी की छात्रा ने लिखा- लड़के हमें आई- लव- यू लिखते है, सबसे गंदा वि… है जो मेरी फ्रेंड को तंग करता है, दूसरी छात्रा ने बताया कि वि… मेरी सहली हनीप्रीत कहता हैं। फतेहाबाद इलाके की शिकायत पेटिका में आई एक शिकायत में छात्रा ने लिखते हुए कहा- नमस्ते, मेरा नाम सोनम (काल्पनिक नाम) है, मैं आपको कुछ बताना चाहती हूं। लड़के हमारे बारे में गंदी- गंदी बातें लिखते हैं और हमें अपनी कॉपी पर आई लव यू लिखकर भेजते हैं। अपनी कॉपी पर हमारा नाम लिखकर अपना नाम लिखते है। हमें गंदे-गंदे शेर सुनाते है, हमें गंदी-गंदी चिट्‌ठी भेजते हैं। ये वो लड़के है हमारे बारे में सब लिखते वि.., वि..य, धी.., दि.., सु.., कु..और र.. बस। यही लड़के हमें तंग करते है हर रोज, सबसे गंदा वि…है जो मेरी फ्रेंड को आई लव यू उसका नाम लिखकर भेजता है। मैं आपसे इच्छा करती हूं कि इन लड़कों नाम कटवा दें ताकि ये लड़के हमें तंग करना छोड़ दें। आपकी अति कृप्या होगा। वहीं एक अन्य लड़की ने लिखा है कि यही लड़के उसकी सहेली को हनीप्रीत कहकर पुकारते हैं, चिढ़ाते हैं।

दोनों पक्षों की काउंसलिंग की गई
छात्रा द्वारा युवकों द्वारा आई-लव-यू लिखी बात पर ग्राम स्तरीय बाल सरक्षंण समिति के सदस्यों ने उक्त छात्रा व लड़कों को बुलाया। जहां छात्रा की काउंसलिंग की गई। वहीं छात्रा के साथ ऐसी बातें करने वाले युवक को समझाया गया, लेकिन जब छात्र नहीं समझा तो इस मामले को बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों को हेंडल कर दिया गया। जहां इस मामले में दोनों परिवारों को बुलाया गया। जहां छात्र को समझाया गया कि अगर वह दोबारा ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
केस: 2 : छात्रा ने कहा, चौपाल में खेली जाती है ताश
मैं गांव चौबारा की रहने वाली हूं। मेरे गांव के चौपाल में सुबह- शाम कुछ लोग ताश खेलते रहते हैं और गाली- गलौच करते रहते हैं। इससे गांव के अन्य लोग प्रभावित होते हैं और उसे देखते- देखते गांव के युवा भी ताश खेलना शुरू कर देते है। इसलिए मैं चाहती हूं कि गांव की चौपाल में ताश खेलना बंद करवाया जाएं। आपकी अति कृप्या होगी।
इसका असर—चौपाल में ताश खेलने बंद करने के आदेश दिए है।
केस 3: गांव के स्कूल में दो पोस्ट खाली और जो आते है वो पढ़ाई करने की बजाय सो जाते हैं
गांव चौबारा की शिकायत पेटिका में डाली शिकायत में एक छात्रा ने लिखा कि मेरे स्कूल में दो पोस्ट पर सामाजिक व अंग्रेजी के पद पर रिक्त पद खाली है। इस कारण पढ़ाई बाधित हो रही। वहीं स्कूल में अन्य स्टाफ क्लास रूम में आते तो है, लेकिन पढ़ाने की बजाय कक्षा में ही सो जाते हैं। इसलिए स्कूल में स्टाफ की कमी को दूर किया जाएं और वही स्कूल की कक्षाओं में निगरानी रखी जाएं कि शिक्षक कक्षाओं में पढ़ाने की बजाय सो तो नहीं रहे।
इसका असर—स्टाफ नियुक्ति को लेकर विभाग को लिखा।

3. गांव चौबारा में आई स्टाफ की कमी दूर करने के लिए उच्च अधिकारियों के पास मामला भेजा गया है। वहीं शिक्षकों द्वारा कक्षा में सो जाने के मामले में सख्त आदेश स्कूल शिक्षकों को दिए गए है कि अगर कोई शिकायत ऐसी आती है या कोई ऐसा करते हुए मिलता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करवाई जाएंगी।
ये समस्या भी रही शिकायत पेटिका में प्रमुख
शिकायत पेटिका में स्कूल की छात्राओं ने छेड़खानी सहित अन्य ऐसी बातें तो अपनी चिट्‌ठी के जरिए बताई ही। इसके बाद साथ ही ज्यादातर शिकायतों में छात्राओं में स्कूल में स्टाफ की कमी, आवश्यकतानुसार खेल सामग्री न होना व खेल मैदान न होना। कुछ शिकायतों में स्कूल में कंप्यूटर खराब पड़े होने की शिकायतें, पीने के पानी की समस्या तो कही पीने वाला पानी गंदे की समस्या शामिल थी।
इस तरह शिकायतों पर होता है काम
बाल संरक्षण अधिकारी सुरजीत बाजिया ने बताया है कि स्कूलों व गांवों में लगी शिकायत पेटिका को हर दिन खुलकर देखा जाता है। अगर उसमें शिकायत आई हुई है तो उस शिकायत को ग्राम स्तरीय बाल सरंक्षण समिति में रखा जाता है। जिसमें अध्यक्ष के रूप में सरपंच, ग्राम सभा सदस्य, दो अध्यापक, आगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर- एएनएम, साक्षार महिला समूह की प्रधान, दो किशोरी लड़कियां व गांव से कोई सामाजिक कार्यकर्ता होते हैं। ये उन पर संज्ञान लेते है अगर वह मामला सुलझने लायक तो मौके पर ही सुलझा दिया जाता है। अगर सुलझाने लायक नहीं है तो उसे ब्लॉक स्तरीय बाल सरंक्षण समिति, उसके बाद जिला स्तरीय बाल सरक्षंण समिति, जिला बाल संरक्षण यूनिट के सामने लाया जाता है। जिसका वह समाधान करते हैं।

हर शिकायत हमारे लिए महत्वपूर्ण: बृजेश
लीगल कम प्रोवेशन ऑफिसर बृजेश कुमार कहते है,जितने भी शिकायतें पेटिका में आती है। वह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमारे प्रयास रहेगा कि शिकायत पेटिका में आई शिकायत का जल्द से जल्द समाधान हो। यहां क्लिक करे—स्कूली निबंध प्रतियोगिता..विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार
शिकायत पेटिका के जरिए होती बच्चों की समस्या दूर: कुंडू
जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रदीप कुंडू ने बताया कि शिकायत पेटिका के माध्यम से विद्यार्थी अपनी समस्याओं को ग्राम स्तरीय या हम तक पहुंचा सकते हैं। उन्हें दूर किया जाएंगा। शिकायत पेटिका में छात्राओं की कई शिकायत ऐसी आई। जिसमें स्कूल छात्र द्वारा लव लेटर, भद्दे कमेंट व अन्य बातें शामिल है जिन्हें सुलझाया गया है। अगर फिर भी छात्र दोबारा ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।
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