धर्म

स्वामी राजदास : परमात्मा से कैसा सम्बंध???

एक बहुत बड़ा धनपति समुद्र-यात्रा से वापस लौट रहा था। भंयकर तूफान उठा। जहाज अब डूबा तक डूबा,ऐसा हालत हो गयी। पहले तो वह कोरी-कोरी प्रार्थना करता रहा। लेकिन जब जिंदगी बिलकुल मौत के करीब आ गयी, तब उसने कहा कि अगर आज बच गया, अगर तूने आज बचा लिया परमात्मा, तो मेरा जो महल है राजधानी में,उसे बेच कर गरीबों को बांट दूंगा। तूफान शांत हो गया। नाव के किनारे लग गयी। अब वह अमीर मुश्किल में पड़ा। पछताने लगा कि यह तूफान तो शांत होना ही था। मैं नाहक फंस गया। लेकिन लोगों ने भी सुन लिया। उसने इतने जोर से कह दिया यह भी एक गलती हो गयी। इसलिए तो लोग चुप-चाप प्रार्थना करते हैं। सारे जहाज के लोगों ने सुन लिया। और लोग जहाज से उतरे नहीं कि सारे नगर में खबर फैल गयी कि धनपति ने प्रार्थना की है कि उस के महल को बेच देगा और गरीबों को बांट देगा। वह बहुत झंझट में पड़ा। बहुत सोच-विचार किया।
आखिर एक दिन उसने गांव में खबर कर दी कि ठीक है, मकान बेचना है, जिनको भी खरीदना हो , आ जाएं। दस लाख का मकान था। बड़े खरीददार इकठ्ठे हुए। बड़ा महल था। राजधानी में उससे महत्वपूर्ण कोई मकान न था। सब बड़े हैरान हुए जब उस अमीर ने घोषणा की कि यह मकान और यह बिल्ली, जो दरवाजे पर बंधी है,दानों साथ ही बिकेंगे। बिल्ली का दाम दस लाख रूपया और मकान का दाम एक रूपया। मगर दोनो साथ।
यहां क्लिक करे—स्कूली निबंध प्रतियोगिता..विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार
लोग बहुत हैरान हुए कि यह क्या पागलपन है? यह बिल्ली का दाम कभी सुना है दस लाख? और इस महल का दाम सिर्फ एक रूपया? लकिन लोगों ने कहा कि हमें इससे क्या प्रयोजन खरीददार मिल गए। दस लाख का मकान था ही, और बिल्ली भी एक रूपए की थी। इसमें कुछ ऐसी अड़चन न थी। तो दस लाख में बिल्ली खरीद ली और एक रूपए का मकान। उस ने दस लाख जेब में रख लिए और एक रूपया गरीबों में बांट दिया। क्योंकि जो वचन दे चुका था, कि महल को बेच कर गरीबों में बांट दूगां।
नौकरी करना चाहते है, तो यहां क्लिक करे।
धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी,परमात्मा के साथ भी लोग लीगल,कानूनी संबंध रखते हैं। वहां से भी तो अपने हिसाब से निकाल ही लेते हैं रास्ता। कितना समझदार है इंसान, जो परमपिता परमात्मा को भी मूर्ख बनाने के बारे सोचता है। उसे भी चकमा देने में लगा रहता है। जो घट—घट की जानता है, उसके साथ भी धूर्तता से पेश आता है। लाखों—करोड़ों की मन्नत उससे मांगता है और सवामणी लगाकर उसे बहलाने की सोचता है।
जीवन आधार बिजनेस सुपर धमाका…बिना लागत के 15 लाख 82 हजार रुपए का बिजनेस करने का मौका….जानने के लिए यहां क्लिक करे

Related posts

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—156

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—81

Jeewan Aadhar Editor Desk

ओशो:कठोपनिषद