फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में फतेहाबाद के अशोक नगर निवासी दिव्यांग सपना को शनिवार देर रात करीब 12 बजे प्रसव पीड़ा हुई और उसी दौरान बच्चा पेट से आधा बाहर आ गया। सपना के परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से सम्पर्क किया तो स्टाफ ने डाक्टर के आने तक किसी भी प्रकार से सहायता करने से मना कर दिया। सपना करीब आधे घंटे तक बच्चे सहित शौचालय में रही। इस बीच बच्चे की मौत हो गई। जीवन आधार न्यूज पोर्टल ने इस समाचार को प्रमुखता से उठाया था।
अब अग्रोहा मेडिकल कॉलेज ने प्रेसनोट जारी करके बताया कि निदेशक के आदेश के अनुसार मामले पर तुंरत एक्शन लेते हुए संबंधित स्टाफ को बर्खास्त कर दिया गया है तथा मामले में एक हाई पावर जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार अगामी कार्रवाई की जायेगी। प्रेसनोट में साफ किया गया है कि जब तक जांच चलेगी संबंधित स्टाफ बर्खास्त रहेगा।
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डा. गोपाल सिंगल की तरफ से जारी प्रेसनोट में बच्चे की मौत को लापरवाही की बात नकारते हुए बताया गया कि बच्चा गर्भ में असमान्य रुप से विकसित हो रहा था। इसलिए बच्चे के परिजन कार्ट की परमिशन से यहां पर एबॉर्शन करवाने के लिए आया था। ऐसे में बच्चे की प्रसव व मौत लापरवाही के कारण नहीं हुई। मरीज के साथ जो लापरवाही बरती गई है, उस पर तुरंत एक्शन लिया जा रहा है।
ध्यान रहे, अशोक नगर निवासी दिव्यांग सपना के पति रेहड़ी लगाते है। शनिवार की रात अस्पताल में सपना और उसकी बहन ही थी। ऐसे में शौचालय में प्रसव पीड़ा के दौरान बच्चा होने पर स्टाफ न तो सपना और बच्चे की सूध ली और ना ही सपना को बेड तक ले जाने में उसकी बहन की मदद की। करीब आधे घंटे तक सपना शौचालय में रही। बाद में अन्य मरीज के साथ आये एक युवक ने सपना और उसके बच्चे को बेड तक पहुंचाया। मामला मीडिया में उठने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन सोमवार को हरकत में आया और मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत प्रभाव से संबंधित स्टाफ को बर्खास्त कर दिया।
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