फतेहाबाद

बूंद—बूंद के लिए 5 किलोमीटर का सफर तय कर रही है महिलाएं, बड़ोपल में पीने के पानी के लिए हा—हाकार

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
गांव बड़ोपल में पीने के पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है। 45 डिग्री तापमान में ग्रामीण 5 किलोमीटर दूर नहर से पीने का पानी लेकर आते हैं। वहीं कुछ लोग कमर्शियल पानी के टैंकर और कैंपर लेने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव का ग्राउंड वाटर पीने लायक नहीं है। गांव में सरकार द्वारा मंजूर किया गया नहरी पानी सप्लाई का प्रोजेक्ट अभी सिर्फ कागजों में ही लटका हुआ है। गर्मी के इस मौसम में गांव में पीने के पानी को लेकर लोग बूंद—बूंद को भी मोहताज हैं। गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभय सिंह ने बताया कि गांव बड़ोपल की आबादी करीब 15 हजार है। गांव में पानी सप्लाई के लिए सबमर्सिबल से पानी सप्लाई किया जा रहा है जो कि इंसान तो क्या जानवर के पीने लायक भी नहीं है। गांव के लिए सरकार द्वारा ढ़ाई करोड़ रुपए का नहरी पानी सप्लाई का प्रोजेक्ट पास किया गया है लेकिन इस प्रोजेक्ट पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। यह प्रोजेक्ट जनवरी महीने में फाइनल हो चुका है,सरकार को सिर्फ बजट जारी करना है।
गांव निवासी अध्यापक सतबीर सिंह कहते हैं कि गांव में ग्राउंड वाटर से लोगों को डायरिया और चर्म रोग जैसे गंभीर रोग हो रहे हैं ।इसलिए लोग नहरी पानी या आर.ओ. का पानी ही पीने के लिए प्रयोग करते हैं। विडंबना यह है कि नहरी पानी सप्लाई के लिए सरकार द्वारा प्रोजेक्ट पास किया गया लेकिन राजनीतिक नफे—नुकसान के चलते गांव को अभी तक नहरी पानी के इस प्रोजेक्ट का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
गांव निवासी महिला इंद्रावती और भगवंती कहती हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। क्योंकि पीने के पानी के लिए उन्हें 5 किलोमीटर दूर नहर पर जाना पड़ता है। वहीं कुछ ग्रामीण पानी के कैंपर 450 रुपए महीनें मंगवा रहे है। गर्मी के चलते पानी के टैंकर के लिए 500 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार गांव में पीने का पानी उपलब्ध करवाए और नहरी पानी का जो प्रोजेक्ट गांव को दिया गया है उस पर जल्द से जल्द काम शुरू करवा कर ग्रामीणों को राहत दे।

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