मैंने सुना, मुल्ला नसरूद्दीन चला जा रहा था एक रास्ते पर। नुमाइश लगी थी। बड़े शुभ वस्त्र पहने हुए-झकझक, अभी धुलवाए। बूढ़ा हो गया है , बाल भी सफेद, वस्त्र भी सफेद। बड़ा प्यारा लग रहा था। मगर एक सुंदर स्त्री के पीछे हो लिया। बार-बार उसे धक्के देने लगा, कहीं च्योंटियों निकालने लगा।
आखिर उस स्त्री ने कहा कि भले मानस। कुछ खयाल तो करो। 3 महिने नौकरी करो और सालभर वेतन लो, अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
मुल्ला ने कह बाई, बालों के सफेद होने से क्या होता है, दिल तो अभी भी काला है। और दिल का ही सवाल है।
पांडित्य बस ऊपर-ऊपर के सफेद वस्त्र हैं, भीतर कुछ भी नहीं। अंहकार का मजा है। दूसरे को समझाने में मजा आता है। इसलिए तो दुनिया में सलाह जितनी दी जाती है उतनी और कोई चीज नहीं दी जाती। मुफ्त दी जाती है। सलाह देने वालो का कोई अन्त नहीं हैं। जीवन आधार नवंबर माह प्रतियोगिता.. प्ले ग्रुप से दसवीं तक विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार.. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे
और मजा यह भी है कि सलाह इतनी दी जाती है, मगर लेता कोई नहीं। कहते हैं दुनियां में सबसे ज्यादा सलाह इतनी दी जाती है, मगर लेता कोई नहीं। कहते है कि दुनियां में सबसे ज्यादा सलाह दी जाने वाले सलाह है और सबसे कम ली जाने वाली चीज भी सलाह है। देने वाले को देने का मजा है: उसको भी फ्रि क नहीं है कि तुम लो। सच तो यह है कि, उसने अपनी सलाह के अनुसार खुद भी चल कर कभी देखा नहीं है।
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