हिसार

बस अड्डे का मेन गेट बदलने से पहले विचार करे प्रशासन : कमेटी

हिसार (राजेश्वर बैनिवाल)
रोडवेज यूनियनों की तालमेल कमेटी ने उपायुक्त को ज्ञापन देकर हिसार शहर में जाम से निजात पाने के नाम पर राज्य परिवहन की वर्कशॉप को तोड़कर बसों को साऊथ बाइपास से निकालने की योजना पर फिर से विचार करने की मांग की है। तालमेल कमेटी का कहना है कि जाम का मुख्य कारण बस अड्डे का मुख्य गेट नहीं बल्कि शहर में चल रहे अनलिमिट ऑटो के कारण आये दिन यहां जाम की स्थिति रहती है।
उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने गये रोडवेज नेता दलबीर किरमारा व रमेश सैनी ने कहा कि बस अड्डे का मुख्य गेट बदलने की बजाय कुछ बिंदुओं पर विचार करने की जरूरत है, ताकि संभावित व बड़े नुकसान से बचा जा सके। ज्ञापन के अनुसार हिसार शहर में बसों के कारण नहीं बल्कि अनलिमिट चल रहे 10 हजार के करीब ऑटो व अन्य निजी वाहन हैं जो रोड पर खड़े रहते हैं, उन पर अंकुश लगाना जरूरी है। मुख्य बस अड्डे से दिल्ली, चंडीगढ़, सिरसा, आदमपुर, भादरा की तरफ जाने वाी बसें शहर के अंदर से नहीं बल्कि बाहर से ही गुजरती है, शहर के अंदर से संचालित हिसार-हांसी रूट पर सहकारी परिवहन समिति की 30 बसों को सरकार द्वारा परमिट दिये हुए हैं, जिनके प्रतिदिन 180 फेरे हैं और इन बसों के परमिट रद्द नहीं किये गये हैं, साऊथ बाईपास से बसें निकालने पर सभी मार्गों की दूरी बढऩे के कारण हर मार्ग के बस किराया में कम से कम 15 रुपये बढ़ोतरी करनी पड़ेगी, जिससे यात्रियों, खासकर ग्रामीण जनता पर आर्थिक बोझ पड़ेगा, बस अड्डे से साऊथ बाइपास का रोड घनी आबादी एवं गलियों-मोहल्लों वाले ऋषि नगर में से निकाला गया है, जिस पर बच्चे खेलते रहते हैं और इस रोड पर शमशान घाट भी बना हुआ है, जिस कारण किसी न किसी मौत के चलते इस रोड पर भीड़ रहती है, इधर से बस अड्डे का गेट निकालने से ऑटो रिक्शा की तादाद उस तरफ बढ़ जाएगी, जिससे दुर्घटनाएं बढऩे का खतरा है, हिसार का मुख्य बस अड्डा जिस समय बना था, उस समय यह बस अड्डा एशिया में दूसरे नंबर का आधुनिक बस अड्डा था लेकिन यदि अब इसका मुख्य गेट बस कर दिया गया तो इस अड्डे का आधुनिक स्वरूप कुरूपता में बदल जाएगा, राज्य परिवहन की वर्कशॉप के गेट के साथ प्राइवेट पेट्रोल पंप है जिस पर तेल डलवाने वाले वाहनों का आवागमन रहता है, इसी साइड से बसें निकलेगी तो दुर्घटनाएं बढऩे की आशंका है, राज्य परिवहन की वर्कशॉप को तोड़ा गया तो इसमें खड़ी बसों की सुरक्षा समाप्त हो जाएगी, साऊथ बाइपास से बसों को निकालने पर क्या गारंटी है कि शहर की जनता को जाम से छुटकारा मिल जाएगा। नौकरी की तलाश है..3000 रुपए से लेकर 54 हजार रुपए तक मासिक तक की नौकरी यहां आपका इंतजार कर रही है, अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
यह दिया ज्ञापन में सुझाव
ज्ञापन में सुझाव दिया गया है कि तलाकी गेट पर जाम से निजात पाने के लिए यात्रियों के लिए बनाये गये ओवरब्रिज को दोबारा से बस अड्डे के अंदर की ओर से बनाया जाए तथा बस अड्डे के मेन गेट पर खड़े रहने वाले ऑटो रिक्शाओं पर रोक लगाई जाए तथा इनके लिए बस अड्डे के पीछे की साइड में व्यवस्था की जाए।
अपील के साथ दी चेतावनी
उपायुक्त के मौजूद न होने पर उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर अपील की गई है कि बस अड्डे के मेन गेट को बंद करने से पूर्व उपरोक्त बिंदुओं पर शहर के जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों, गणमान्य व्यक्तियों, रोडवेज यूनियनों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाकर चर्चा की जाए ताकि संभावित नुकसान से बचा जा सके, अन्यथा रोडवेज कर्मचारियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेवारी सरकार एवं प्रशासन की होगी। ज्ञापन की प्रति परिवहन मंत्री, विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, विभाग के महानिदेशक व हिसार डिपो के महाप्रबंधक को भी दी गई है। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में उपरोक्त के अलावा रामसिंह बिश्नोई, सतपाल डाबला, बहादुर सिंह संडवा, अरूण शर्मा, अजमेर सावंत, कुलदीप पाबड़ा व देवेन्द्र सिंह आदि नेता भी थे।
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