धर्म

स्वामी राजदास:साधुता की कसौटी

एक बार एक धनी व्यक्ति ने एक ऊँची बल्ली पर रत्न जटित कीमती कमण्डल टाँग दिया और घोषणा की कि जो कोई साधु इस बल्ली पर सीधा चढ़कर कमण्डल उतार लेगा उसे यह कीमती पात्र ही नहीं बहुत दक्षिणा भी दूँगा। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
बहुत से त्यागी और विद्वान् साधुओं ने भी प्रयत्न किया पर किसी को सफलता न मिली। अन्त में कश्यप नामक नट विद्या में बहुत—सा जीवन बिताकर साधु बने एक बौद्ध भिक्षु ने उस बल्ली पर चढ़कर कमण्डलु उतार लिया। उसकी बहुत प्रशंसा हुई और धन भी मिला।जीवन आधार न्यूज पोर्टल के पत्रकार बनो और आकर्षक वेतन व अन्य सुविधा के हकदार बनो..ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
जब यह समाचार भगवान बुद्ध के पास पहुँचा तो वे बहुत दुःखी हुये। उनने सब शिष्यों को बुलाकर कहा-भविष्य तुम में से कोई भिक्षु इस प्रकार का चमत्कार न दिखाये और न उन लोगों से ऐसी भिक्षा ग्रहण करे, जो साधु का आचार नहीं चमत्कार देखकर उसे बड़ा मानते हों। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
धर्मप्रमी सुंदरसाथ जी,चमत्कार नहीं चरित्र और ज्ञान ही साधुता की कसौटी है। चमत्कार साधु नहीं धूर्त दिखाते है। साधु इन सबसे दूर मुक्ति का मार्ग बताता है। मुक्ति का मार्ग धर्म से होकर गुजरता है, जबकि चमत्कार का मार्ग धूर्तता से होकर निकलता है।
जीवन आधार बिजनेस सुपर धमाका…बिना लागत के 15 लाख 82 हजार रुपए का बिजनेस करने का मौका….जानने के लिए यहां क्लिक करे

Related posts

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—8

Jeewan Aadhar Editor Desk

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—109

Jeewan Aadhar Editor Desk

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—244