हिसार,
आज देशभर में अलग—अलग राज्यों की सरकार विश्व दिव्यांग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर दिव्यांगों को सहायक उपकरण वितरित कर रही है। लेकिन हरियाणा में नजारा अलग है। यहां पर छोटी—छोटी मांग को दिव्यांग पिछले 28 दिनों से हिसार में लघुसचिवालय के आगे धरने पर बैठे है। इस धरने में बैठा एक दिव्यांग बिमार होकर इस स्प्ताह के आरंभ अपनी जान भी गवां चुका है, लेकिन दिव्यांग की जान जाने से ना तो हिसार का प्रशासन जागा और ना ही सूबे की सरकार। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
प्रदेश के मुखिया सबका साथ—सबका विकास का नारा जरुर बुलंद करते है, लेकिन जब प्रदेश में दिव्यांग ही छोटी—छोटी मांग को लेकर एक—एक माह तक धरने पर बैठेंगे तो किसका विकास कर रही है सरकार—यह सवाल उठना लाजमी है। हद तो इस बात की है कि सरकार से जुड़े स्थानीय नेता दिव्यांगों के धरने को राजनीति से प्रेरित करार देकर ध्यान भटकाने का काम करते है।
दरअसल, इन दिव्यांगों की मांग है कि उन्हें सरकारी कार्यालयों में डीसी रेट पर नौकरियों में आरक्षण दिया जाये। समय—समय पर उन्हें सहायक उपकरण दिए जाये। ट्राई साइकिलों का वितरण किया जाये। दिव्यांग कार्यालय को ग्राउंड फ्लॉर पर बनाया जाए। बस में पास सुविधा प्रदान की जाये। उच्च शिक्षा में सीट आरक्षित करने के साथ—साथ वित्तिय सहायता भी दी जाए। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
इनमें अधिकतर मांग तो जिला स्तर पर ही पूरी होने वाली है, लेकिन ना तो प्रशासनिक अधिकारियों को दिव्यांगों की सूध लेने की फुर्सत है और ना ही सूबे की मनोहर सरकार को। ऐसे में प्रदेश में विश्व दिव्यांग दिवस महज एक छलावा ही है।
विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों से भेंट की तथा उन्हें सहायक उपकरण वितरित किये।#WorldDisabilityDay pic.twitter.com/O3Ge5aAjMD
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 3, 2017
चौकांने वाली बात तो यह है कि यूपी की भाजपा सरकार विश्व दिव्यांग दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन करके दिव्यांगों को सम्मान कर रही है, उन्हें सहायक उपकरण वितरित कर रही है—लेकिन सूबे की मनोहर सरकार के पास इस सबके लिए आज के दिन समय ही नहीं है।
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