धर्म

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—73

खुशी के अवसर पर सबको निमन्त्रण दो और सबका आशीर्वाद लो, इसी में भलाई है। अमीरी गरीबी का भेदभाव मत रखो। भगवान् सब में है ऐसा जानकर कभी भी गरीब का निरादर मत करो।

गरीब सबकी और देखता है, परन्तु गरीब की ओर कोई नहीं देखता। रहीम जी कहते है कि जो दीन की तरफ देखता है वास्तव में वही दीनबन्धु है।

इसी प्रकार जब निमन्त्रण कार्ड भेजो तो प्रथम निमन्त्रण परमात्मा को दो, अपने घर में पूजा का स्थान है, वहाँ जाओ और प्रार्थना करो कि भगवान् आपकी असीम कृपा से ही यह मंगल कार्य निर्विघ्र पूर्ण हो। भक्त नरसिंह जी के सभी कार्य सांवरिया करते थे। जब नानी बाई का भात भरने का निमन्त्रण कार्ड आया तो भक्त ने कार्ड मन्दिर में रख दिया तो स्वयं कृष्ण भगवान भाई बनकर आए, चुन्दड़ी ओढ़ाने और भात भरने।

दूसरा निमन्त्रण गुरूदेव को दो और उनका आर्शीवाद लो। तीसरा पड़ोसियों को दो, वे सब मिलकर सहायता करेंगे तो कार्य आसनी से हो जायेगा। चौथा निमन्त्रण अपने मोहल्ले के दादा को दो ताकि कोई विघ्र बानध न पड़े।

पांचवां निमन्त्रण डाक्टर को दो, कोई तकलीफ हो जाए तो सहायता करेगा। और छठा पुलिस ऑफिसर को। कोई भी आपत्ति आने पर मदद मिलेगी। इस प्रकार के निमंत्रण देने वाला का आयोजन पूर्ण रूप बिना विघ्न-बाधा से पूरा होता हैं।

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