गुरुग्राम हरियाणा

फोर्टिस अस्पताल पर मामला दर्ज, लीज भी हो सकती है रद्द

गुरुग्राम,
बच्ची की डेंगू से मौत के बाद फोर्टिस अस्पताल द्वारा इलाज के नाम पर 16 लाख रुपये वसूलने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने सुशांत लोक पुलिस स्टेशन में फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। वहीं बच्ची के पिता जयंत सिंह ने भी गुड़गांव में एफआईआर दे दी है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हरियाणा अर्बन अथॉरिटी को पत्र लिखकर फोर्टिस अस्पताल की लीज रद्द करने को कहा है। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
हरियाणा अर्बन डेवलेपमेंट अथॉरिटी (हुडा) को भेजे पत्र में कहा गया है कि रियायती दरों पर जमीन लेने वाले अस्पतालों को बीपीएल या कमजोर वर्गों के 20% रोगियों को निशुल्क अथवा बहुत ही रियायती दरों से सेवा देनी होती है। जांच में फोर्टिस में इसका उल्लंघन पाया गया है। साथ ही ड्रग कंट्रोलर को भी चिट्ठी लिखकर अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने जताया था विरोध
6 दिसंबर को फोर्टिस अस्पताल के संदर्भ में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा प्रेसवार्ता कर डॉक्टरों को MURDERIST कहने के विरोध में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने अखबारों में विज्ञापन देकर इसका विरोध किया है।
अनिल विज ने भी तीखी प्रतिक्रिया
स्वास्थ मंत्री अनिल विज ने भी इस विज्ञापन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अनिल विज ने कहा कि 14 दिन तक जो बच्ची वेंटीलेटर पर रहती है, शिफ्ट करते वक्त उसका वेंटिलेटर उतार दिया जाता है। एंबुलेंस में ऑक्सीजन की सुविधा नहीं दी जाती, उसको अगले अस्पताल में जाने के लिए अटेंडेंट नहीं दिया जाता, एंबु बैग नहीं दिया जाता। यह मर्डर नहीं तो और क्या है ? मरीज को नहीं मालूम कि वह अगले अस्पताल तक नहीं पहुंच सकता तो इसके लिए दोषी कौन है ? नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
विज ने दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन को सीख देते हुए कहा था कि अब समय बदल चुका है अब लोग प्राइवेट अस्पतालों की लूट और गुंडागर्दी और क्रिमिनल नेग्लिजेंस के खिलाफ उठ खड़े हुए है। DMA को चाहिए कि वह अपने आप को और अपने डॉक्टरों को सुधरने की हिदायत दे ।


ये है पूरा मामला
दिल्ली के द्वारका में रहने वाले जयंत सिंह की सात साल की बेटी आद्या को 27 अगस्त से तेज बुखार था। दूसरे ही दिन उसे रॉकलैंड अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां दो दिन भर्ती रहने के बाद उन्होंने गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में रेफर कर दिया। डॉक्टरों ने बच्ची को अगले दस दिन लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा। 14 सितंबर को बच्ची की मौत हो गई। जीवन आधार न्यूज पोर्टल के पत्रकार बनो और आकर्षक वेतन व अन्य सुविधा के हकदार बनो..ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
मामला कैसे सामने आया?
दरअसल, बच्ची के पिता जयंत सिंह के एक दोस्त ने @DopeFloat नाम के हैंडल से 17 नवंबर को हॉस्पिटल के बिल की कॉपी के साथ ट्विटर पर पूरी घटना शेयर की। उन्होंने इसमें लिखा, ”मेरे साथी की 7 साल की बेटी डेंगू के इलाज के लिए 15 दिन तक फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती रही। हॉस्पिटल ने इसके लिए उन्हें 16 लाख का बिल दिया। इसमें 2700 दस्ताने और 660 सीरिंज भी शामिल थी। आखिर में बच्ची की मौत हो गई।”
4 दिन के भीतर ही इस पोस्ट को 9000 से ज्यादा यूजर्स ने रिट्वीट किया। इसके बाद हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने हॉस्पिटल से रिपोर्ट मांगी।
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Jeewan Aadhar Editor Desk