हिसार,
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई ने दावा किया है कि 28 दिसम्बर को होने वाला चक्का जाम ऐतिहासिक होगा। सरकार की जनविरोधी, कर्मचारी विरोधी व विभाग विरोधी नीतियों से कर्मचारियों में भारी रोष है और यही कारण है कि उनमें चक्का जाम के प्रति उत्साह है। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
रामसिंह बिश्नोई अन्य कर्मचारी नेताओं के साथ डिपो में हड़ताल की सफलता बारे कर्मचारियों से संपर्क कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में तीन बार हुई बातचीत के दौरान बनी सहमति में से सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया वहीं हर रोज नये-नये नियम थोपकर व विभाग विरोधी नीतियां लागू करके जनहित के सबसे बड़े विभाग का अप्रत्यक्ष रूप से निजीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने परिवहन विभाग के लंबी दूरी के रूट परमिट बंद करने पर रोष जताते हुए कहा कि लाभ वाले लंबी दूरी के रूट परमिट बंद करके सरकार अपने चहेतों को परमिट देना चाहती है वहीं अप्रत्यक्ष रूप से निजी बस माफिया को भी लाभ पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार एवं परिवहन अधिकारियों का अवैध रूप से चल रही निजी बसों पर कोई अंकुश नहीं है और वे हर रोज विभाग को लाखों रुपयों का चूना लगाते हुए धड़ल्ले से चल रही है। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की कि वे 28 दिसम्बर के चक्का जाम के लिए पूरी तरह से तैयार रहें और सरकार को बता दें कि कर्मचारी किसी भी सूरत में विभाग विरोधी नीति को सहन नहीं करेंगे। उन्होंने एनएमएच कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को चाहिये कि वह तानाशाही को छोड़कर इन कर्मचारियों की मांगे माने। इस दौरान रामसिंह बिश्नोई के साथ सतपाल डाबला, आत्माराम, सुभाष ढिल्लो, सुभाष किरमारा, जोगेन्द्र लांबा, दर्शन जांगड़ा व योगराज सहित अन्य भी थे।
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