हिसार,
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप कार्यक्रम के तहत कुरूक्षेत्र में स्थित बाजवा मशरूम फार्म के साथ एमओयू (मैमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) किया है। इससे प्रदेश में मशरूम उत्पादन में वृद्धि होगी और इस क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव बल तैयार होगा।
कुलपति प्रो. के. पी. सिंह की उपस्थिति में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सेठी व पौध रोग विभाग के अध्यक्ष एवं मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सुरजीत सिंह और बाजवा मशरूम फार्म के स्वामी हरपाल सिंह बाजवा व कर्मजीत कौर ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। पार्ट टाइम नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
इस अनुबंध के अंतर्गत हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की मशरूम उत्पादन प्रयोगशाला का प्रयोग करके उपरोक्त कम्पनी द्वारा मशरूम स्पॉन (बीज) उत्पादन, मशरूम की खेती, मशरूम कम्पोस्ट तैयार करने, पास्तुरीकृत स्पानड कम्पोस्ट और केसिंग मिश्रण तैयार करने का कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में व्यवसाय के लिए अनेक उत्तम प्रौद्योगिकियां उपलब्ध हैं। प्राइवेट कंपनियों, उद्यमियों तथा किसानों को इनसे बहुत लाभ हो सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से भी आह्वान किया कि वे प्राइवेट कंपनियों और प्रगतिशील किसानों से संपर्क करके उन्हें विश्वविद्यालय की प्रौद्योगिकियों से अवगत कराएं व उन्हें एमओयू के लिए प्रेरित करें। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
डॉ. सुरजीत सिंह ने बताया कि खुंब के बीज की देश व विदेश में बहुत मांग है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बाजवा मशरूम फार्म की ओर से इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, मशरूम उत्पादकों तथा उद्यमियों का विभिन्न प्रजातियों की मशरूम उत्पादन में व्यवसायिक प्रशिक्षणों के माध्यम से कौशल विकास का काम भी किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस एमओयू से न केवल बीज की मांग पूरी होगी अपितु रोज़गार के अवसरों में आशातीत वृद्धि होगी।
इस अवसर पर मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. अश्वनी कुमार, एग्रीकल्चर कॉलेज के डीन डॉ. के.एस. ग्रेवाल तथा विशेष कार्य अधिकारी डॉ. एम.के. गर्ग भी उपस्थित थे।