हिसार
गर्मी के चलते अधेड़ की मौत हो गई। मृतक अधेड़ स्टेशन पर रहने वाला साधुनूमा व्यक्ति है। राहगिरों ने साधु रेलवे के पुराने पुल के पास अचेत अवस्था में था। लोगों ने इसकी सूचना तुरंत रेलवे पुलिस को दी। पुलिस उसे समान्य अस्पताल लेकर आई, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक साधु की अभी पहचान नहीं हो पाई है। गर्मी के चलते हिसार में ये पहली मौत है। शव को पहचान के लिए सिविल अस्पताल के शवगृह में रखा गया है। आईएमडी के अनुसार सोमवार को हिसार का दिन का अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री था तथा रात्रि को 33.6 डिग्री के आसपास रहेगा।
हर साल गर्मी से मरते है हजारों लोग
देश में 1901 से लगातार तापमान का रिकार्ड दर्ज किया जा रहा है। 2016 में प्रतिकूल मौसम के चलते करीब 1600 लोग बेमौत मारे गए थे जिनमें से 557 लोगों की मौत लू के चलते हुई। जबकि, 2015 में 1900, 2013 में 1219, 2012 में 1247, 2011 में 793, 2010 में 1274 और 1955 में 1677 लोग मारे गए। जानकारों का मानना है कि ये आंकड़े और भी ज्यादा है लेकिन लू जैसे मामलों को छोड़ दे तो अन्य मामलों की रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है।
शरीर में बनी रहे नमी और पानी की मात्रा
हर साल गर्मी से हो रही सैकड़ों मौतों के बारे में होली अस्पताल के डॉक्टर जयंत वर्मा का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण शरीर पानी की मात्रा और नमी में कमी से ऐसा होता है। उन्होंने कहा कि सामान्य तापमान 18 से 30 डिग्री सेल्सियस होता है। लेकिन, जैसे ही इसके ऊपर तापमान आता है डिहाइड्रेशन जैसी अन्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं और यही जानलेवा साबित होती है।