हिसार
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के हड़ताल के आह्वान पर हिसार के नीजि डाक्टर हड़ताल पर गए। आइएमए के एस.कालरा ने कहा कि देशभर में चिकित्सकों पर हिंसा के मामले बढ़े हैं। पिछले साल कई डॉक्टरों की हत्या तक कर दी गई। उन्होंने कहा कि चिकित्सक हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं, लेकिन कई दफा मरीज मृत हालत में लाया जाता है। इसके बाद तीमारदार यह समझकर हिंसा करने लगते हैं कि उनका मरीज अस्पताल में मरा। वहीं, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह नेशनल मेडिकल कमीशन बनाने और उसमें डॉक्टरों के बजाय अन्य क्षेत्र के लोगों को प्रमुखता देने के निर्णय से भी डॉक्टरों में रोष है। नेशनल मेडिकल काउंसिल में टॉप लेवल पर सीनियर डॉक्टर की जगह आइएएस होंगे। आइएमए इसका कड़ा विरोध करती है। डॉक्टर राष्ट्रीय स्तर पर नेक्स्ट की परीक्षा कराने और पास होने पर ही डॉक्टरों को लाइसेंस देने संबंधी प्रस्ताव के भी विरोध में हैं। उन्होंने बताया कि हड़ताल के दौरान निजी डॉक्टर सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक मरीज नहीं देखेंगे। इसके अलावा 150 से अधिक चिकित्सक दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
ये हैं प्रमुख मागें
-एमसीआइ में सुधार किया जाए न कि एमसीआइ को भंग कर नेशनल मेडिकल कमीशन थोपा जाए।
-एमसीआइ में केवल मेडिकल प्रोफेशन के लोग रहें, बाहर के लोगों को शामिल न किया जाए।
-चिकित्सकों व मेडिकल सेक्टर में हिंसा के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए।
-डॉक्टरों, क्लीनिक, अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन के लिए एकल विंडो व्यवस्था हो, लाइसेंस राज समाप्त किया जाए।
-इलाज व जांच में लापरवाही के आरोप पर एफआइआर की बजाय सीएमएचओ या एमसीआइ में शिकायत।
-केवल जेनेरिक दवाइयां लिखने की बाध्यता न हो।
-एलोपैथिक दवा लिखने का अधिकार केवल एमबीबीएस डॉक्टरों के पास हो।
-आवासीय क्षेत्र के क्लीनिकों और डायग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिग होम को लैंड सीलिंग से मुक्त किया जाए।
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