हिसार

कष्ट सहन करके धर्म का आचरण करने वाला व्यक्ति महान होता है: डा. मधु बिश्नोई

आदमपुर,
जीवन जीने की विधि तरीका सीखो ताकि वस्तु के अभाव में भी सुखी रह सके। वस्तु व्यक्ति को सुखी नहीं कर सकती सुखी होने के लिए व्यक्ति में स्वभाव का होना ही कारण है। उक्त विचार गांव आदमपुर के श्री गुरु जम्भेश्वर मंदिर में चल रही विराट श्री जाम्भाणी हरिकथा के छठे दिन कथा वाचिका डा. मधु बिश्नोई ने श्रद्धालुओं को धर्मलाभ देते हुए कहें। जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

डा. मधु बिश्नोई ने बताया कि समाज 4 बातों से चलता है त्याग, तपस्या, न्याय और मर्यादा। त्याग से स्वार्थ की भावना खत्म हो जाती है। तपस्या से सुख-दुख, मान-अपमान सहन करने की क्षमता जाती है। न्याय से पक्षपात करने की प्रवृत्ति नहीं होती है। मर्यादा से व्यवहारिकता आती इससे सभी लोग व्यवहारिक हो जाते हैं। भगवान जांभोजी ने बिश्नोई समाज की स्थापना करते वक्त सामाजिक व्यवस्था के तहत 4 संस्कार जन्म, विवाह, सुगरा, अंतिम संस्कार करने के अधिकार शुद्ध जानकार बिश्नोई को सौंप करके की थी। नौकरी की तलाश है..तो जीवन आधार बिजनेस प्रबंधक बने और 3300 रुपए से लेकर 70 हजार 900 रुपए मासिक की नौकरी पाए..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

उन्होंने बताया कि कष्ट सहन करके धर्म का आचरण करने वाला व्यक्ति महान होता है। महानता मांगने से नहीं मिलती। महानता कर्म करने से मिलती है। हमें यदि महान बनना है तो महापुरुषों का अनुकरण करते हुए महानता का कार्य हरीशचंद्र, युधिष्ठिर की तरह करो। कथा में यजमान के रूप में आदमपुर पंचायत समिति सदस्य अंजू खिचड़ ने शिरकत की जबकि मंच संचालन संजय बांगड़वा ने किया।
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