धर्म हिसार

संतान को बिना भेदभाव के उचित शिक्षा देनी चाहिए: राजेंद्र निरंकारी

आदमपुर
विश्व के हर इंसान और मां-बाप में ईश्वर का रूप मौजूद है। उनकी सेवा करना परम धर्म है। मां-बाप का दिया हुआ आशीर्वाद मिथ्या नही जाता, फलीभूत होता है। सद्कार्य घर से ही शुरू करने चाहिए। अच्छी शिक्षा और संस्कारों से युक्त बच्चे बड़े होकर परिवार व देश का नाम रोशन करते है। यह प्रवचन संत निरंकारी मंडल आदमपुर के प्रमुख राजेंद्र मेहता ने रविवार को दड़ौली रोड पर हुए सत्संग में श्रद्धालुओं को व्यक्त किए। उन्होंने कहा बच्चे मन के सच्चे होते है। भक्त धु्रव और प्रहलाद ने बचपन में ही ईश्वर को प्रगट कर लिया था। मां-बाप को अपनी संतान को बिना भेदभाव के बचपन से ही उचित शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। नियमित सत्संग में बच्चों को लेकर आना चाहिए। सत्संग में दैवीय गुणों का विकास होता है और दुर्गुण नष्ट होते है। धर्मसभा में बाल समागम हिसार में हुए कार्यक्रम में प्रतिभागी खुश्बू, कनिका, अंकिता, पूजा, झंकार, नेहा, प्रवीण, तोयष, हैप्पी, प्रिंस आदि को सम्मानित किया गया। इनके अलावा बच्चों को प्रशिक्षित करने पर मेनका मेहता, पायल, मीनू मेहता और प्रेम नागपाल को सम्मानित किया गया। मेनका मेहता ने ‘मनमत डूबोए गुरुमत तारे’ भक्तिपूर्ण गीत सुनाकर भावविभोर कर दिया जबकि विनोद जाखड़, बलदेव सिंह, दूलीचंद, सुमन आदि ने भक्तिपूर्ण विचार रखे। मंच संचालन युवा प्रचारक भूषण रेवड़ी ने किया।

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