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रक्तदान का पर्याय बने राकेश शर्मा

आदमपुर
‘जरुरी नहीं की सजदे हो हर वक्त और उसमें खुदा का नाम आए, जिंदगी तो खुद एक इबादत है बशर्ते ये किसी के काम आए’
कुछ ऐसा ही जीवन जी रहे है आदमपुर राजकीय बहुतकनीकी में कार्यरत प्राध्यापक राकेश शर्मा, जो शिक्षक ही नही बल्कि समाजसेवी की भी अहम भूमिका निभा रहे है। गांव डोभी से आदमपुर आकर बसे प्राध्यापक राकेश शर्मा पिछले करीब 7 सालों में 70 से अधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन कर स्वयं 51 बार रक्त दे चुके है। स्वामी सदानंद प्रणामी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में ये सेवा का प्रकल्प निभा रहे है। प्रदेश के अलावा दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल में जाकर इस अभियान को सफलता पूर्वक चलाया। ट्रस्ट ने शर्मा को रक्तदान एवं स्वास्थ्य जागरूकता के लिए राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी भी दी है। अब तक 70 बार कैम्प लगाकर करीब 14,000 यूनिट्स रक्त एकत्रित करवा चुके है। इसके अलावा जब भी किसी जरुरतमंद को आवश्यकता होती है तो रक्तदाता से संपर्क साधकर रक्त की उपलब्धता तय करते है। गत वर्ष भाविप हरियाणा पश्चिम ने भी उन्हें प्रांतीय संयोजक का दायित्व सौंपा था। जिसके तहत उन्होंने 5 जिलों सिरसा, फतेहाबाद, जींद, भिवानी व हिसार में रक्तदान के प्रति युवाओं को प्रेरित करते हुए स्वामी विवेकानंद जयंती पर 25 स्थानों पर शिविर लगाकर रक्तदान क्रांति का आगाज किया। जिसका उदे्दश्य न ही कोई रिकॉर्ड बनाना था बल्कि एक जन-जागरूक अभियान चलाना था इसके तहत 2,000 यूनिट्स अलग-अलग ब्लड बैंकों को एकत्रित करके दिया गया और 6,000 से ज्यादा स्वैच्छिक रक्तदाता तैयार किए गए। शर्मा अभी तक अलग-अलग जगहों पर जाकर 80 से अधिक व्याख्यान देकर करीब 30,000 से ज्यादा युवाओं को प्रेरित कर चुके है। इसके साथ-साथ नशा मुक्ति अभियान के लिए युवाओं को इसके प्रति जागरूक करते है।

महिलाओं को रक्त की कमी के प्रति किया जागरूक
माताएं आज रक्त की कमी से जूझ रही है। कमी को दूर करने व इसकी महत्ता को बताने के लिए महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रक्तदान शिविरों में आने के लिए प्रेरित करते है और वहां उनका रक्त जांचा जाता है। यदि उनमें रक्त की कमी है तो उन्हें बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाता है कि वो अपना खानपान सही करके, अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर इस सेवा में अपना योगदान भी दे सकें। जिनकी रक्त की मात्रा ठीक होती है उन्हें रक्तदान करने लिए प्रेरित किया जाता है। अब तक 100 से अधिक महिलाएं उनके मिशन में जुड़ चुकी है जो नियमित रक्तदान भी करती है और अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा देती है। शर्मा के अनुसार रक्त 35 दिन बाद खराब हो जाता है इसलिए ब्लड बैंकों में जरुरत से ज्यादा रक्त देने से कुछ ब्लड ग्रुप का ब्लड खराब हो जाता है इसलिए अलग-अलग समय के अंतराल पर ब्लड बैंक की जरुरत के अनुसार कैंप लगाने ज्यादा कारगर है। इस पर एन.ए.सी.ओ. ने भी कुछ नियम बनाए है

समय-समय किए जा चुके है सम्मानित
युवा वर्ग हो या कोई बुुजुर्ग इनके संपर्क में आकर उसमें वो ऊर्जा का संचार कर देते है चाहे वो उसके करिअर संबंधी बात हो या समाज के प्रति सेवा भावना की। रक्तदान अभियान के साथ-साथ विद्यार्थियों की करिअर काऊंसलिंग या किसी की मद्द हो वो तैयार रहते है। आदमपुर का प्रत्येक बाशिंदा उनके इस सेवा भाव से अछूता नही है। इस उपलब्धी के लिए राकेश शर्मा को समय पर विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों के अलावा स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस पर जिला स्तरीय समारोह में सम्मानित भी किया जा चुका है।

थैलीसीमिया पीडि़त को रक्त न मिलने पर पसीजा दिल
मई-जून माह में ब्लड बैंकों में रक्त की कमी हो जाती है। एक दफा जून के माह में थैलीसीमिया पीडि़त के लिए भी खून नहीं था जिसको की हर 15 दिन बाद रक्त की जरुरत पड़ती है वरना उसकी मौत हो जाती है। तब शर्मा ने प्रण लिया की रक्त की कमी से किसी की जान नहीं जाने देंगे उसके लिए युवाओं को प्रेरित करने का बीड़ा उठाया और आज वो रक्तदानियों की फौज तैयार कर रहें है। भयंकर गर्मी में वो घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित करते है और हर साल आदमपुर में ब्लड बैंक की जरुरत के अनुसार विशाल कैंप पिछले 6 सालों से लगातार आयोजित किए जा रहे है। इसके अलावा सालभर अलग-अलग अंतराल में विभन्न जगह जाकर विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रक्तदान के लिए जोश भर देते है। 14 जून के इस विशेष दिन अब तक 6 शिविर उत्सव के रूप में आयोजित किए जा चुके है जिसमें करीब 2,500 यूनिट्स रक्त एकत्रित हुआ है। इस वर्ष भी आदमपुर श्रीकृष्ण प्रणामी स्कूल में भव्य रक्तदान उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
जरुरतमंदों के लिए बनाई ऐप
आज के तकनीकी युग को देखते हुए रक्त की बढ़ती मुश्किल जरुरत को भी आसान कर दिया है। राकेश शर्मा ने बताया कि उनको हमेशा मलाल रहता था कि जरुरत के समय रोगी को रक्तदाता ढूंढने के लिए बहुत परेशान होना पड़ता है। इसी को देखते हुए युवा छात्र की मुकुल बांगा की सहायता से एक ऐसी मोबाइल एंड्राइड एप्लीकेशन तैयार की जिससे देश के किसी भी हिस्से में जरूरतमंद अपनी जरुरत के डोनर का चंद सैकेंड में पता लगाकर सम्पर्क कर सकता है। इस ऐप का नाम है ‘हैल्प फोर यू’ है जिसे मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है।
आप अपने मोबाइल पर Help4You को यहां क्ल्कि करके डाउनलोड कर सकते है।

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