हिसार

हकृवि के वीसी ने बताए किसानों को आय बढ़ाने के उपाए

हिसार,
गांव कालवास में किसानों को जागरुक करने के लिए कृषि मेले का आयोजन किया गया। मेले में काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया। मेले का शुभारंभ हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. केपी सिंह ने किया।

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इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एक समय खेती को सबसे अच्छा और ईमानदारी का काम समझा जाता था। पहले नौकरी लगने पर लोग वापिस युवाओं को बुला लेते थे कि काम है खेत में वापिस आ जाओ,लेकिन अब उल्टा हो गया। समय के साथ खेती में मेहनत ज्यादा और आमदनी कम होने लगी है। इसके चलते युवाओं का ध्यान खेती से हटा है। आजकल युवा महज शर्म के चलते कुछ समय खेती को दे रहे है।

लेकिन अब हमें पुन: खेती को लाभदायक बनाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। जैविक खेती को अपनाना होगा। जैविक खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा बनेगा। सरकार किसानों की आय को दोगुणा करने पर तेजी से काम रही है। किसानों को भी इस तरफ कदम बढ़ाना होगा। खेती के साथ—साथ पशुपालन को अपनाना होगा। पशुपालन के जरिए किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही किसान को गोबर गैस प्लांट लगाकर घर में खर्च होने लायक ऊर्जा स्वयं बनानी होगी।
गोबर गैंस प्लांट से निकलने वाले अवशेष से केंचुआ खाद बनाकर उसे खेत में प्रयोग करना होगा। इससे यूरिया और डीएपी पर होना वाला खर्च बचेगा।

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इसके अलावा किसानों को फसल बोने से पूर्व अपने खेत की मिट्टी को अवश्य टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि उन्हें समय रहते पता चल पाए कि उसके खेत में खाद की कितनी आवश्यकता है। प्रो. केपी सिंह ने कहा कि खेतों में किसान बिना कारण के अधिकतम कीटनाशक का प्रयोग करने में लगे हुए है। किसानों को बिना वैज्ञानिकों की सलाह के कीटनाशक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई मात्रा के अनुसार ही कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए।

इस दौरान उन्होंने सोलर ऊर्जा से चलने वाले पंप लगाने पर भी जोर दिया। साथ ही किसानों से मार्केटिंग के क्षेत्र में उतरने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि किसान आपने उत्पाद को आधुनिक मार्केटिंग तरीके से बेचकर अधिक से अधिक लाभ कमाने के बारे में विचार करे। पानी की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि खेत में पानी का टैंक बनाकर टपका विधि से सिंचाई करके किसान कम पानी में अच्छी पैदावार ले सकता है। साथ ही उन्होंने बागवानी की तरफ बढ़ने के लिए किसानों को उत्साहित किया।

मेले में काफी कंपनियों ने अपनी स्टाल लगा रखी थी। इस दौरान किसानों ने बीज के अलावा आधुनिक कृषि यंत्रों में आपनी रुचि दिखाई। कई ट्रैक्टर कं​पनियों ने मेले में अपने उत्पाद के बारे में विस्तृत जानकारी किसानों को दी। मेले में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने भी कई स्टाल लगाकर किसानों को लाभांवित किया।

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