हिसार

युवा कलाकार सौरभ सैनी का गाना मचा रहा जी-म्युजिक व व यू-ट्यूब पर धूम

हिसार,
हिसार के उभरते कलाकार सौरभ सौरभ सैनी का नया गाना ‘चेज’ रिलीज हुआ है। इस गाने को जी म्युजिक ने पेश किया है। लगभग 24 घंटे में सौरभ सैनी के इस गाने को यू-ट्यूब पर साढ़े तीन लाख से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं तथा एक लाख से ज्यादा डाऊनलोड किया जा चुका है।
सौरभ सैनी के गाने ‘चेज’ को जी-म्युजिक ने शुक्रवार को पेश किया है और लगभग 24 घंटे के दौरान इस गाने को साढ़े तीन लाख से अधिक लाइक मिले हैं। पौने दो वर्ष पहले भी सौरभ एक अन्य गाना ‘यादें दे सहारे’ पेश कर चुका है। जिस तरह सौरभ के यादें दे सहारे गाने ने टीवी व यू-टयूब पर धूम मचाई थी, उसी तरह ताजा गाने को भी बहुत पंसद किया जा रहा है। टीवी व यू-ट्यूब के अलावा सौरभ के पास प्रशंसकों के फोन आ रहे हैं और उसे खूब बधाइयां मिल रही है। सौरभ के अनुसार यह मस्ती का गाना है और आज की युवा पीढ़ी को यह काफी भा रहा है।

सौरभ सैनी इस समय गुडग़ांव से एमबीबीएस कर रहा है और एमबीबीएस के साथ-साथ ही उसके मन में गाने गुनगनाने का ऐसा शौक चढ़ा कि वह न्यूज चैनलों पर धूम मचाने लगा। सौरभ सैनी के गायकी के शौक के चलते जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में उसे कई बार सम्मानित किया जा चुका है वहीं एक बार वह राज्य स्तर के कार्यक्रम में भी सम्मानित हो चुका है। एक भेंट में सौरभ सैनी ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ उसके मन में गायकी की रूचि रही और इसी रूचि ने उसे आज इस मुकाम पर पहुंचाया है। उसका कहना है कि माता-पिता व अन्य शुभचिंतकों के आशीर्वाद से आज उसे जो उपलब्धि हासिल हुई है, उससे वह काफी प्रसन्न है। उसका कहना है कि यदि में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मुसीबतें उसका रास्ता नहीं रोक पाती। उसे यहां तक पहुंचने में कुछ कठिनाइयां तो आई लेकिन वह विचलित नहीं हुआ और अपने प्रयास में लगा रहा। सौरभ का कहना है कि मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो उम्र आड़े नहीं आती। दृढ़ इच्छाशक्ति उम्र की मोहताज नहीं होती और ऐसे में चाहे उम्र छोटी हो या बड़ी, जिसके मन में जज्बा है, वह अवश्य ही कुछ करके दिखाएगा।
सौरभ सैनी हिसार के जिला समाज कल्याण अधिकारी डा. दलबीर सिंह सैनी के छोटे बेटे हैं। डा. सैनी के घर 29 अगस्त 1996 को जन्मा सौरभ पढ़ाई में सदा ही अग्रणी रहा और उसकी प्रतिभा को देखते हुए उसे डा. सैनी ने एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करवा दी। एमबीबीएस करने के साथ-साथ ही सौरभ ने गाने गुनाने शुरू किये और आज वह एमबीबीएस ही नहींं, बल्कि गायकी के क्षेत्र में भी नाम चमकाने लगा है। सौरभ के पिता डा. दलबीर सिंह सैनी स्वयं एक सुलझे हुए, ईमानदार व मिलनसार अधिकारी है, जिसके चलते उन्हें अनेक बार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है। सौरभ की माता डा. संगीता सैनी भिवानी रोहिल्ला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जीव विज्ञान की शिक्षिका है। उन्हें भी उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। सौरभ के बड़े भाई डा. गौरव सैनी का चयन कुछ समय पूर्व आईएएस में हुआ था और इस समय वह प्रशिक्षण पर है। डा. गौरव सैनी ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से स्वर्ण पदक सहित एमबीबीएस की है। पढ़ाई के क्षेत्र में गौरव सदैव प्रतिभाशाली रहा, जिसके चलते एमबीबीएस शिक्षा के दौरान उसे आईसीएमआर फैलोशिप मिली जो पूरे देश में कुछ विद्यार्थियों को ही मिलती है। जानकारों का मानना है कि डा. दलबीर सिंह सैनी के घर जन्मी गौरव-सौरभ की जोड़ी धीर-गंभीर व कुछ कर गुजरने का जज्बा रखने वाली है।

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