हिसार

सरकार पर गरज रही है महिलाएं..लेकिन सरकार के कान बंद

हिसार,
हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनवाड़ी इंम्पलाइज फैडरेशनन ऑफ इंडिया से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन के आंदोलन के 26वें दिन व भूख हड़ताल तीसरे दिन यूनियन को दूसरे संगठनों का समर्थन मिलना शुरू हो गया है। तीसरे दिन जहां यूनियन की सात महिलाएं भूख हड़ताल पर बैठी वहीं हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच से संबंधित पीडब्ल्यूडी यृूनियन ने आंगनवाड़ी महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन किया और समर्थन दिया।

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आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन के आह्वान पर शुरू की गई भूख हड़ताल के तीसरे दिन विद्या, अनिता, शशि, शीला, कविता, राजबाला, सरोज, प्रेमवती व ईशवंती भूख हड़ताल पर बैठे। इसके साथ ही आंगनवाड़ी महिलाओं के समर्थन में हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच से संबंधित पीडब्ल्यूडी यूनियन ने क्रांतिमान पार्क से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया और आंदोलन जोर-शोर से चलाने का आह्वान किया। इस संबंध में यूनियन की जिला प्रधान बिमला राठी ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए बड़े-बड़े दावे करने वाली केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार ने चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने वाली आंगनवाड़ी महिलाओं को जबरदस्ती शमशान घाट में बंधक बनाए रखा, जो निंदनीय है।
सिद्धांतों व महिला हित की बात करने वाली भाजपा के लिए उसके दावों की कोई कीमत नहीं है और यह पार्टी केवल मौकापरस्ती दिखाती है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार, उसके मंत्री व नेता कहते हैं कि आंदोलन करना हर वर्ग का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन दूसरी तरफ जब कोई वर्ग, खासकर महिलाएं आंदोलन करती है तो उनको न केवल आंदोलन से रोका जाता है बल्कि उनको प्रताडि़त भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार ने आंगनवाड़ी महिलाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने सहित अन्य मांगे व समस्याएं नहीं मानी तो आंदोलन दिन-प्रतिदिन तेज किया जाएगा और इसके लिए विभागीय संगठनों से बात की जाएगी।

जिला प्रधान बिमला राठी ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, अन्य कर्मचारियों की तरह 6 से 8 घंटे की ड्यूटी को देखते हुए योग्यता व ड्यूटी टाइम के हिसाब से उन्हें जेबीटी अध्यापक का ग्रेड देने, जिस तरह अन्य विभागों में 25 प्रतिशत प्रमोशन का कोटा है, उसी तरह उनको भी वरिष्ठता व योग्यता के अनुसार सीधे सुपरवाइज की पदोन्नति देने, मोबाइल फोन की सुविधा देने, वर्कर को 18 हजार व हेल्पर को 15 हजार न्यूनतम वेतन देने, हेल्पर के छुट्टी पर जाने या रिक्त स्थान होने पर अतिरिक्त हेल्पर का प्रावधान करने, हेल्पर से वर्कर पदोन्नत करने के लिए कार्य अनुभव 10 वर्ष से कम करके 3 वर्ष करने, वर्कर का खाली पद सीधा हेल्पर से भरने, खाना बनाने के लिए सिलेंडर की सप्लाई विभाग सीधे रूप से करने सहित अन्य मांगों पर आंगनवाड़ी महिलाओं का आंदोलन जारी है और यह तब तक जारी रहेगा, जब तक इन मांगों व समस्याओं का समाधान नहीं कर दिया जाता।

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Jeewan Aadhar Editor Desk