आदमपुर (अग्रवाल)
जीवन के बाद मृत्यु निश्चित है यह तो सब जानते हैं कि एक ना एक दिन उन्हें मरना ही है। लेकिन समाज में कुछ ऐसे लोग भी है जो मरने के बाद भी मानवता की भलाई के कार्यों के लिए जाने जाते हैं। इसी तरह गांव सीसवाल निवासी विद्या देवी को भी जाना जाएगा। विद्या देवी इन्सां के निधन के बाद परिजनों ने उनका शरीर मैडीकल रिसर्च के लिए दान कर समाजसेवा का ऐसा अनूठा उदाहरण पेश किया है। विद्या देवी इन्सां (81) का निधन हो गया था जिसके बाद उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार परिजनों ने उनका शव मैडीकल कालेज लखनऊ (यू.पी.) को सौंप दिया।
विद्या देवी इन्सां की शव यात्रा की शुरूआत विनती का भजन लगाकर की गई। उनके पार्थिव शरीर को उनकी बहू कमलेश, चंद्रकला, निर्मला, शशि व पूजा ने कंधा देकर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। यहां से उनकी देह एम्बुलैंस के माध्यम प्रसाद इंस्टिट्यूट मैडीकल लखनऊ भिजवा दी गई।
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शव यात्रा में ब्लाक भंगीदास राजू इन्सां, आत्माराम, सतबीर नेहरा, मा.नंदलाल, बलवंत, रिछपाल, ओमप्रकाश, मा.केसराज, पनील, पटेल इन्सां, विनय, कृष्ण, भूषण, विजेंद्र, गीता देवी, निर्मल, भंवरी, कल्पना, सुष्मा सहित सैंकड़ों की संख्या में साध संगत के अलावा सामाजिक व धार्मिक संगठनों के लोग भी शामिल हुए। विद्या देवी के बेटे रोहताश, रामनिवास, धनाराम, राजेंद्र व पिंटू इन्सां ने बताया कि संत गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां की प्रेरणा से ही उन्होंने माता का शरीर दान किया है।