हिसार,
प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार की जा रही वादाखिलाफी के रोषस्वरूप रोडवेज कर्मचारियों ने एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके तहत रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में 27 मार्च को प्रदेशभर में दो घंटे का विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है वहीं चेताया है कि यदि वर्ष 2016 में भर्ती हुुए चालकों को हटाने का प्रयास किया गया तो उसी दिन प्रदेशव्यापी हड़ताल कर दी जाएगी। इस संबंध में ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने परिवहन महानिदेशक को नोटिस भी भेज दिया है।
हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, हरिनारायण शर्मा, अनूप सहरावत, जयभगवान कादियान व बाबूलाल यादव ने संयुक्त बयान में बताया कि रोहतक में हुई राज्य कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में सभी पदाधिकारियों ने इस बात पर रोष जताया कि सरकार विभाग में प्राइवेट बसें किलोमीटर स्कीम पर लेने व किराये पर वॉल्वो बसें चलाने का प्रयास कर रही है, जो जनविरोधी व विभाग विरोधी फैसला है। उन्होंने कहा कि सरकार जितनी प्रयास प्राइवेट बस मालिकों का घर भरने के लिए कर रही है, उसमें से आधा प्रयास भी यदि विभाग का खजाना भरने के लिए करे तो विभाग घाटे से उभर सकता है और जनता व छात्र वर्ग को अच्छी परिवहन सुविधा दी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि 27 दिसम्बर 2017 को परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में हुई बातचीत में सरकार द्वारा रद्द की गई परिवहन स्कीम 2016-17 के तहत संचालित प्राइवेट बसों को ग्रामीण मार्गों पर चलवाने, सरकारी बसों का बेड़ा बढ़ाने, कर्मशाला सहित सभी खाली पदों पर नियमित भर्ती करने, वर्ष 1992 से 2002 तक भर्ती हुए कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से नियमित मानकर सभी लाभ देने, कर्मशाला कर्मचारियों को समान रूप से तकनीकी स्केल व एसीपी का लाभ देने, वर्ष 2016 में भर्ती हुए चालकों को समान काम-समान वेतन का लाभ देने आदि 16 सूत्री मांगों को दो माह के अंदर लागू करने का समझौता हुआ था परंतु अढ़ाई माह बीत जाने के बावजूद एक भी मांग को पूर्णरूप से लागू नहीं किया गया है।
रोडवेज नेताओं ने आरोप लगाया कि उच्चाधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यूनियन पदाधिकारियों का नाजायज निलंबन व तबादले करके उनका उत्पीडऩ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोहतक बैठक में सर्वसम्मति से लिये गए निर्णय के अनुसार रोडवेज कर्मचारी 27 मार्च को प्रदेशभर में सुबह 10 से 12 बजे तक दो घंटे विरोध प्रदर्शन करेंगे। यदि फिर भी सरकार नहीं चेती तो ज्वाइंट एक्शन कमेटी बड़े आंदोलन की घोषणा करने को मजबूर होगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि वर्ष 2016 में भर्ती हुए चालकों को हटाने का प्रयास किया गया तो उसी दिन प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू हो जाएगी, जिसकी जिम्मेवारी सरकार एवं परिवहन विभाग की होगी। उन्होंने बताया कि बैठक में रमेश सैनी, बलवान सिंह दोदवा, कृष्ण सुहाग, विजय अहलावत, रामकुमार वर्मा, सोनू हुड्डा, जगदीप लाठर व कुलदीप पाबड़ा सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।