चण्डीगढ़,
हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरसों की खरीद 4000 रुपये प्रति क्विंटल (100 रुपये के बोनस सहित) के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने का निर्णय लिया है। यह दर प्रचलित बाजार दर से काफी अधिक है।
हैफेड के अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के किसान मौजूदा बाजार दर पर अपने सरसों की फसल बेच रहे थे, जो कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम है। इसलिए, राज्य सरकार ने एफएक्यू सरसों की खरीद का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि हैफेड द्वारा नेफेड की ओर भारत सरकार की मूल्य सहायता योजना (पीएसएस) के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद की जाएगी। इस योजना के तहत, हैफेड अपनी सदस्य सहकारी विपणन सोसाइटियों की दुकानों के माध्यम से सीधे किसानों से सरसों की खरीद करेगा और किसानों को भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से अपने बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सरसों की खरीद 15 मार्च से शुरू करने का निर्णय लिया है, जबकि पहले एक अप्रैल से सरसों की खरीद शुरू होती थी। हालांकि, वास्तव में वास्तविक खरीद उस दिन से शुरू होगी, जब नैफेड को भारत सरकार से इसकी स्वीकृति प्राप्त हो जाएगी। किसानों को असुविधा से बचने के लिए, राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सरसों की खरीद चरणबद्ध तरीके से की जाएगी, जिसके लिए संबंधित उपायुक्तों द्वारा गांवों का एक दिनवार रोस्टर तैयार किया जाएगा और इसके बारे गांवों में मुनादी और समाचार पत्रों के माध्यम से किसानों को पहले ही सूचित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरंभ में सरसों की खरीद राज्य के 11 जिलों नामत: रेवाड़ी, नारनौल, भिवानी, चरखी दादरी, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक और करनाल में 19 खरीद केंद्रों से शुरू की जाएगी। मंडियों में सरसों के बीज की आवक के आधार पर अधिक खरीद केंद्र खोले जा सकते हैं। यह खरीद 10 मई, 2018 तक जारी रहेगी।
अध्यक्ष ने बताया कि किसानों से अपील की गई है कि वे अपने उत्पाद को अच्छी तरह साफ करके और एफएक्यू विनिर्देशन के अनुसार 8 प्रतिशत के नमी स्तर तक सूखने के बादही मंडियों में लाएं ताकि उन्हें अपना उत्पाद बेचने में कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि हैफेड ने सरसों की सुचारू खरीद के लिए व्यापक प्रबंध कर लिए हैं और आश्वासन दिया कि हैफेड इस खरीद को प्रभावी ढंग से पूरा करेगा और यह राज्य के किसानों के सर्वोत्तम हित में होगा।