आदमपुर (अग्रवाल)
इसे राजनेताओं और राजनीति की ओछी हरकत ही कहा जायेगा कि आमदनी में काफी आगे रहने वाली आदमपुर अनाज मंडी को नजरअंदाज करके कैप्टन अभिमन्यु के नारनौंद हलके की बास अनाज मंडी में हैफड ने सरसों का खरीद केंद्र खोला है। हिसार जिले में सरसों की उपज को देखते हुए सभी अनाज मंडियों में सरसों का खरीद केंद्र खोले जाने की आवश्यकता है, लेकिन आदमपुर में ये आवश्यकता इसलिए अधिक बढ़ जाती है क्योंकि यहां पर शुरुआती सीजन में ही 1200 क्विंटल से अधिक सरसों की आवाक दर्ज की गई है।
विकास कार्यों में राजनीतिक भेदभाव का शिकार रहे आदमपुर को पहली बार आर्थिक चपत लगाने की कोशिश हुई है। यदि आदमपुर में सरसों का खरीद केंद्र बनता तो यहां पर रेहड़ी वालों, चाय वालों से लेकर प्रत्येक छोटे—बड़े व्यापारियों का लाभ होता। किसानों को भी अपनी फसल का उचित भाव मिलता। लेकिन भाजपा सरकार के एक कदम ने यहां के हजारों लोगों के व्यापार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित कर दिया। व्यापार करने वालों को ही नहीं सरकार के इस निर्णय से किसानों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आदमपुर में खरीद केंद्र न होने के कारण किसानों को यहां सरसों का भाव 3550 से लेकर 3650 रुपए प्रति क्विंटल का मिल रहा है। जबकि सरकार इसे 4 हजार रुपए की दर से खरीद रही है। आदमपुर के किसानों के लिए हैफड ने हिसार केंद्र को निर्धारित किया है। लेकिन यदि मोड़ाखेड़ा, चूलि, दड़ौली, सदलपुर, किशनगढ़, खारा बरवाला, आदमपुर, सीसवाल, लाखपुल, खैरमपुर, सारंगपुर सहित 3 दर्जन गांव ऐसे है जहां से यदि किसान अपनी सरसों हिसार लेकर जाता है तो उसका किराया अधिक लगता है। ऐसे में उसे मजबूरी में अपनी फसल आदमपुर में कम रेट में बेचनी होगी।
कुल मिलाकर पूरे हरियाणा में समान विकास करने का दावा करने वाली भाजपा का दावा आदमपुर के व्यापारियों और किसानों के लिए जख्म में मिर्च के समान है।