नई दिल्ली,
कर्नाटक दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मैसूर के एक गर्ल्स कॉलेज में एक छात्रा के सवाल पर क्लीन बोल्ड हो गए। छात्रा ने पूछा कि आप एनसीसी ‘सी’ सर्टिफिकेट एग्जाम पास छात्रों को क्या लाभ देंगे? जवाब में राहुल ने कहा कि उन्हें एनसीसी और सी सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी नहीं है, इसलिए वे कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।
राहुल के इस जवाब पर सोशल मीडिया में उनकी खूब खिंचाई हो रही है। कई लोग एनसीसी के बारे में पीएम मोदी के भाषण और राहुल के जवाब को साथ-साथ ट्वीट कर दोनों नेताओं के बीच के अंतर को साबित करने में लगे हैं तो कुछ राहुल के सामान्य ज्ञान पर सवाल उठा रहे हैं।
राष्ट्रीय कैडेट कोर यानी एनसीसी दरअसल भारतीय सैन्य कैडेट कोर है जो कि स्वैच्छिक आधार पर स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए खुला है। भारत में एनसीसी कैडेट की संख्या करीब 15 लाख है।
नेशनल कैडेट कोर की लिखित और परेड परीक्षा पास करने पर ए, बी और सी सर्टिफिकेट दिया जाता है। सी सर्टिफिकेट हासिल करने की परीक्षा सबसे मुश्किल होती है। एनसीसी से सर्टिफिकेट प्राप्त छात्रों को सेना, अर्धसैनिक बलों के अलावा विभिन्न सरकारी नौकरियों में वरीयता दी जाती है। उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में एडमिशन में भी एनसीसी से मिले सर्टिफिकेट का बहुत महत्व है।
ए सर्टिफिकेट 15 साल से कम उम्र के छात्रों के लिए है जबकि बी सर्टिफिकेट हासिल करने की अधिकतम उम्र 17 साल है। बी सर्टिफिकेट में कम से कम सी ग्रेड हासिल करने के दो साल बाद छात्र सी सर्टिफिकेट हासिल करने के योग्य हो जाता है। चूंकि सी सर्टिफिकेट हासिल करना सबसे मुश्किल होता है इसलिए ए और बी की तुलना में उसका महत्व ज्यादा होता है।
एनसीसी की सीनियर विंग में दाखिले की उम्र सीमा 26 साल है जबकि जूनियर विंग में 13 से 18 साल तक के छात्र भाग ले सकते हैं। एनसीसी में समाजसेवा, अनुशासन, चरित्र निर्माण, परिश्रम की सीख दी जाती है। सीनियर छात्रों की ट्रेनिंग सुरक्षा बलों के जवानों की तर्ज पर होती है।