हिसार,
हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी एवं कर्मचारी विरोधी नीतियां लागू करने के विरोधस्वरूप प्रदेशभर के डिपुओं में दो घंटे का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने चेतावनी दी कि यदि अब भी सरकार ने सहमत हुई मांगों को लागू नहीं किया और आए दिन अपनाई जाने वाली कर्मचारी विरोधी वापिस नहीं ली तो कर्मचारी कड़े आंदोलन को विवश होंगे। इससे पहले डिपो प्रांगण में गेट मीटिंग भी की गई।
हिसार में हुए विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई, सतपाल डाबला, रमेश माल व पवन बूरा ने संयुक्त रूप से की। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ज्वाइंट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा एवं रमेश सैनी ने कहा कि बार-बार समझौते करने, मांगे मानना व बाद में उन्हें लागू न करके वादाखिलाफी करना सरकार की फितरत बन चुका है। यदि परिवहन मंत्री व उच्चाधिकारी समझते हैं कि इस प्रकार कर्मचारियों से धोखा करके आंदोलनों को दबा दिया जाएगा तो ये उनकी भूल है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 27 दिसम्बर को ज्वाइंट एक्शन कमेटी से हुए समझौते को लागू किया जाए, अन्यथा शीघ्र ही किसी बड़े आंदोलन की घोषणा पर विचार किया जाएगा। उन्होंने पॉलिसी के नाम चालकों-परिचालकों का ओवरटाइम काटने तथा अध्यापकों की तर्ज पर रोडवेज कर्मचारियों के लिए तबादला नीति बनाने पर विरोध जताया और कहा कि इनका तुरंत प्रभाव से रोका जाए।
दलबीर किरमारा एवं रमेश सैनी ने कहा कि मंत्री व उच्चाधिकारियों के साथ हुई बातचीत में सहमत हुई मांगों में मुख्य रूप से वर्ष 1992 से 2002 तक लगे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, प्राइवेट परिवहन पॉलिसी रद्द करने, सभी पात्र कर्मचारियों को तकनीकी स्केल देने, सभी कर्मचारियों को एसीपी का लाभ देने, बसों का बेड़ा बढ़ाने, ओवरटाइम पॉलिसी बनाने तथा समान काम-समान वेतन के अनुसार कच्चे कर्मचारियों को 27 हजार 500 रुपए वेतन देने सहित अन्य मांगे मानी गई थी, लेकिन एक भी मांग को लागू नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों में रोष है।
प्रदर्शन को उपरोक्त के अलावा कुलदीप पाबड़ा, सुभाष ढिल्लो, विजय सिवाच, रमेश यादव, अरूण शर्मा, धर्मपाल बूरा, सुरेन्द्र भाटिया, सुखबीर सोनी, दर्शन जांगड़ा, अमरलाल आदि ने भी संबोधित किया।