हिसार(राजेश्वर बैनीवाल)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा सेक्टर 14 में पंजाबी धर्मशाला की आधारशिला रखने के साथ ही अब धर्मशाला का संचालन कर रही सोसायटी की सदस्यता पर विवाद खड़ा हो गया है। पंजाबी वेल्फेयर सोसायटी द्वारा रखी गई 11 हजार की सदस्यता राशि पर सवाल उठाते हुए समाज के लोग इसे केवल वीआईपी लोगों के लिए बनाई जा रही धर्मशाला करार दे रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वेल्फेयर सोसायटी की मनमानी के चलते ही समाज के लोगों ने समारोह के प्रति रूचि नहीं दिखाई, जिसके चलते जितने दर्शक आए, उतने ही मुख्यमंत्री के साथ आया अमला व सोसायटी के कुछ पदाधिकारी नजर आए।
पंजाबी वेल्फेयर सोसायटी का गठन कई वर्ष पूर्व हुआ था लेकिन सोसायटी का संचालन हाथ से न खिसक जाए, इसके लिए सोसायटी के अगुवा नेता कई वर्षों से नई सदस्यता नहीं खोल रहे थे। सर्वजन समाज पार्टी के अध्यक्ष नंदकिशोर चावला व अन्य ने जब यह मामला उठाया तो विवाद से बचने के लिए सोसायटी पदाधिकारियों ने बैठक करके मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से दो दिन पहले सदस्यता खोलने का ऐलान कर दिया लेकिन इसमें सोची-समझी चाल के तहत आम गरीब पंजाबी को सदस्यता से दूर करने का पैमाना भी तय कर दिया गया। बताया जा रहा है कि सोसायटी ने जो सदस्यता राशि रखी है, उसके तहत 11 हजार रुपए देकर सदस्यता ली जा सकती है। सदस्यता के लिए रखी गई राशि किसी गरीब का घर का खर्च चलाने के लिए काफी है, ऐसे में आम पंजाबी इससे दूर ही रहना मुनासिब समझ रहा है।
सूत्र बताते हैं कि पंजाबी वेल्फेयर सोसायटी की मनमानी व कई वर्षों से सदस्यता न खुलने का मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंच चुका था। इसी के चलते उन्होंने अनमने ढंग से पहले 21 लाख रुपए ही धर्मशाला के लिए देने की घोषणा की जबकि सोसायटी पदाधिकारियों ने 51 लाख रुपये की मांग की थी। बाद में सोसायटी पदाधिकारियों द्वारा मिन्नतें करने के बाद 21 लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर 31 लाख किया गया लेकिन 51 लाख फिर भी नहीं दिये। चर्चा यह भी है कि यदि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम नहीं होता तो वेल्फेयर सोसायटी सदस्यता भी नहीं खोलती। समाज के लोगों का कहना है कि सोसायटी के वर्तमान पदाधिकारी सोसायटी को अपनी मुट्ठी में रखना चाहते हैं और इसी वजह से सदस्य कम बनाए जा रहे हैं। यदि ज्यादा सदस्य बना दिये जाते हैं तो सरकार के नियमों के अनुसार कॉलेजियम बनाकर चुनाव करवाने की हालत में सोयायटी की सत्ता वर्तमान पदाधिकारियों के हाथों से खिसक सकती है।
सीएम के दौरे से नहीं हुआ समाज को फायदा : चावला
सर्वजन समाज पार्टी के अध्यक्ष नंदकिशोर चावला का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दौरा पंजाबी समाज के लिए निराशाजनक ही रहा। समाज को उम्मीद थी कि धर्मशाला के कार्यक्रम में पंजाबी समाज के लिए पूर्व की तरह आर्थिक आधार पर आरक्षण बहाल करने की घोषणा की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मुख्यमंत्री मैरिट पर नौकरियां देने की बात करते हैं लेकिन पेपर लीक करके मैरिक और लोगों की बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि धर्मशालाओं को ग्रांट नहीं बल्कि समाज के लोगों को रोजगार चाहिए क्योंकि रोजगार न मिलने के कारण समाज काफी पिछड़ चुका है। उन्होंने कहा कि पंजाबी वेल्फेयर सोसायटी की सदस्यता भी आम गरीब पंजाबी नहीं ले सकता, ऐसे में पंजाबी वेल्फेयर सोसायटी अमीरों की सोसायटी बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि यदि पंजाबी वेल्फेयर सोसायटी पंजाबियों की हितैषी है तो मात्र 100 रुपये की फीस पर सदस्यता दी जाए और इन सदस्यों को वोट का अधिकार दिया जाए।
नियमानुसार ली जा रही है सदस्यता : अरोड़ा
पंजाबी वेल्फेयर सोसायटी के अध्यक्ष वेद अरोड़ा का कहना है सोसायटी द्वारा ली जा रही 11 हजार सदस्यता गलत नहीं है। रजिस्ट्रार कार्यालय से पता किया जा सकता है कि सोसायटी के संविधान में भी यही लिखा हुआ है। उन्होंने कहा कि समाजहित व जनहित में सोसायटी का काम रही है, धर्मशाला के निर्माण व अन्य कार्यों के लिए सहयोग राशि की जरूरत होती है और इसके लिए नियमानुसार ही ऐसा किया जा रहा है।