आदमपुर (अग्रवाल)
आदमपुर खंड कार्यालय में सरपंचों व ग्राम सचिवों द्वारा दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने को पंचायत समिति यूनियन व लोकराज विकास समिति ने बुधवार को अपना समर्थन दिया। यूनियन के प्रधान नरषोत्तम मेजर, अंजू खिचड़, तुलसी देवी, अनिता रानी, सतपाल चूलियन, प्रताप सिंह, शेरसिंह, प्रेम कुमार, प्रवीण कल्याण आदि ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए कहा कि जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलनरत है। सरपंचों व ग्राम सचिवों के धरने पर बैठ जाने से गांवों में विकास कार्यांे की रफ्तार थम सी गई है।
पंचायत समिति सदस्यों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सरकार इनकी मांगों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी पंचायत ई-प्रणाली के विरोध में नहीं है, परंतु ई-प्रणाली लागू करने से पूर्व पंचायतों को उचित संसाधन मुहैया करवाना भी सरकार का नैतिक जिम्मेदारी है। आज पूरे प्रदेश में पंचायत प्रतिनिधि अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। गांवों की रीढ़ कहे जाने वाले जनता के इन नुमाइंदों की बात सुनने की बजाय सरकार के मंत्री उल्टे-सीधे बयान दे रहे है।
सरपंच एसोसिएशन के प्रधान दलीप सिंह मंडेरना ने कहा सरकार द्वारा ग्राम पंचायत में ई-प्रणाली लागू न करने बारे ग्राम सभा में प्रस्ताव पास करने संबंधी जो सुझाव दिया गया है। इस सुझाव के अनुसार ई-प्रणाली न अपनाने पर पंचायत की वित्तीय शक्तियां 10 लाख रुपए तक ही रहेंगी। जबकि ई-प्रणाली अपनाने वाली पंचायतों की वित्तीय सहायता 20 लाख रुपए रहेगी। लिहाजा यह फैसला सरपंचों को दोफाड़ करने का प्रयास है। सरकार की यह मंशा सरपंच कभी पूरी नहीं होने देंगे। सरपंचों ने कहा कि ग्राम पंचायतें सरकार के विरोध में नहीं है, लेकिन सरपंचों एवं सचिवों पर लादे जा रहे अनावश्यक आदेश भी स्वीकार नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा जब तक उनकी मांगे नही मानी जाती तब तक सभी सरपंच एवं ग्राम सचिव शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन करते रहेंगे।