हिसार,
रोडवेज विभाग में हेड क्वार्टर द्वारा महाप्रबंधक से डिपो के सस्पेंड कर्मचारियों को बहाल करने की शक्ति छीनने का रोडवेज संयुक्त कर्मचार संघ ने विरोध किया है। संघ के डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई ने पदाधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि अब कर्मचारियों को सस्पेंड होने पर अपनी दलील देने के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ेगा। इसके बाद इंक्वायरी आरभ होगी। इंक्वायरी के दौरान भी कर्मचारी को चंडीगढ़ बुलाया जा सकता है। ऐसे में कर्मचारियों का मानसिक और शारीरिक शोषण होने के साथ—साथ अर्थिक नुकसान होगा।
डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई के मुख्य आरोप
— पोस्ट के अनुसार पद न भरे होने से डिपो को होगा नुकसान।
— रोडवेज विभाग को घाटे की तरफ धकलने की रची गई है साजिश।
— हेडक्वार्टर पर पूरे प्रदेश के मामले पहुंचने के कारण इंक्वायरी में लगेगा समय।
उन्होंने कहा कि इससे पहले डिपो महाप्रबंधक सस्पेंड कर्मचारी की दलील सुनने के बाद इंक्वायरी बैठता था और 20 से 25 दिनों में अपना फैसला दे देता था। अब पूरे प्रदेश की इंक्वायरी हेड क्वार्टर में होगी तो यहां पर किसी भी मामले में जल्द फैसला आने की उम्मीद काफी कम हो जायेगी।
डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई ने कहा कि हिसार डिपो में इस समय चालक और परिचालक की 245 पोस्ट है। लेकिन इस समय हिसार डिपो में परिचालक की 62 पोस्ट तथा चालक 58 पोस्ट रिक्त पड़ी है। ऐसे में सस्पेंड मामले में यदि हेडक्वार्टर में कार्रवाई होगी तो कर्मचारी को वहां तक जाकर अपनी दलील देने और कार्रवाई में शामिल होने में काफी वक्त खराब करना पड़ेगा। इसका सीधा असर डिपो की कमाई पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि विभाग का यह फरमान कर्मचारियों को प्रताड़ित करने और जानबुझकर रोडवेज को नुकसान पहुंचाने वाला है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि विभाग ने अपने आदेश तुरंत वापिस नहीं लिए तो रोडवेज यूनियन आंदोलन करने को मजबूर होगी। इस अवसर पर सतपाल डावला, अरुण शर्मा, सुखवीर सोनी, सुभाष ढिल्लो, धर्मपाल बूरा, दर्शन जांगड़ा, गुलशन, महेंद्र माटा साहित कई कर्मचारी नेता और कर्मचारी उपस्थित थे।