हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग दास गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 1 अप्रैल से किसानो की गेहूं सरकारी एजेंसियो से खरीदने की घोषणा कर रखी है लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश की मंडियों में किसान की गेहू नहीं खरीदी जा रही है। हरियाणा की काफी मंडियों में किसान गेहूं बेचने के लिए धक्के खा रहे हैं।
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि गेहूं व सरसों सरकारी खरीद के मंडियों में पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए हैं। यहां तक कि पीने के पानी, सफाई व्यवस्था व किसानों को ठहरने के लिए सरकार की तरफ से कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए। इतना ही नहीं मंडियों में बेसहारा पशुओं की भरमार है। जो किसान की फसल खराब करने के साथ-साथ मंडियों में गंदगी फैला रहे है। उन्होंने कहा कि सरसों की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से ना होने के कारण भी मंडिया सरसों से भरी हुई है। मंडियों में जगह खाली ना होने के कारण भी किसानों को अपनी गेहू मंडियों में रखने की भी भारी दिक्कत आएगी।
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार को झूठी घोषणाएं करने की बजाय किसान की जो सरसों मंडियों में खराब हो रही है, उसे आढ़तियों के माध्यम से तुरंत प्रभाव से खरीदने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गेहूं के लिए वारदाना, लकड़ी के करेंट, गेहूं उठान के साथ-साथ किसानों को गेहंू खरीद का भुगतान 48 व 72 घंटे के अंदर-अंदर सरकार करें। गेहूं उठान में देरी होने पर गेहंू सूखने के कारण घटती के पैसे आढ़तियों से ना काटकर उसकी जिम्मेदारी गेहूं उठान ठेकेदार व सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारियो की फिक्स की जाए और घटती के पैसे ठेकेदार व सरकारी एजेंसी के अधिकारियों से वसूले जाए। ठेकेदार व सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारियो की जिम्मेदारी फिक्स होने पर गेहूं खरीद व उठान में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।