हिसार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते है स्वच्छ भारत का निर्माण करो…मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि स्वच्छ हरियाणा का निर्माण करो…लेकिन हिसार नगर निगम के सफाई कर्मचारियों का कहना है पहले झाडू का इंतजाम करो। जी हां, हिसार नगर निगम में एक—दो दिन..महिने…या साल नहीं, बल्कि पूरे ढ़ाई साल से झाडूओं की कमी है, और सफाई कर्मचारी इसके लिए कई बार मांग कर चुके है—लेकिन नतीजा जीरो रहा है।
इसके चलते निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था जहां पूरी तरह से चरमराई हुई है, वहीं शहर के जिन इलाकों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने पर जोर दिया जा रहा है। इन इलाकों में सफाई कर्मचारी संगठन अपने स्तर पर कर्मियों को झाड़ू उपलब्ध करवा रहा है। शहर में तकरीबन 400 सफाई कर्मचारी हैं, मगर निगम प्रशासन इनमें से किसी भी एक कर्मचारी को झाड़ू नहीं दे पा रहा। मगर शहरवासी और कर्मचारियों को क्षेत्र में साफ-सफाई रखने का दबाव बनाकर सफाई व्यवस्था के नाम पर शीर्ष अधिकारियों से अपनी पीठ थपथपवा लेते हैं।
निगम क्षेत्र के सभी बीस वार्डों में यही हालात हैं। जिस भी इलाके में देखो, निगम के पास किसी भी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के लिए झाड़ू उपलब्ध नहीं करवाई जा रही।
स्वच्छ सड़कों के साथ स्वच्छ शौचालयों का भी नारा फेल
प्रशासन पिछले दो वर्षों से भी अधिक समय से शहर की सड़कों को स्वच्छ और शौचालयों को साफ-सुथरा करने का संदेश दे रहा है, मगर निगम की ही अव्यवस्थाओं का आलम है कि शहर की अधिकांश आवासीय कॉलोनियों की सड़कों को साफ करने के लिए कर्मचारियों के पास झाड़ू नहीं है और शहर में बने सार्वजनिक शौचालयों को साफ-सुथरा रखने के लिए निगम के पास कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में शहर में गंदगी से भरी सड़कें और दुर्गंध व बेसहारा पशुओं से भरे हुए शौचालयों का नजारा आम है। इस कड़ी में शान्ति नगर क्षेत्र स्थित पानी वाली टंकी के नजदीक निगम प्रशासन की तरफ से चार वर्ष पहले सार्वजनिक शौचालय बनाया गया था, जिसे करीबन दो वर्षों से निगम का कोई भी कर्मचारी साफ करने नहीं आया है। ऐसे में क्षेत्र में दुर्गंधमय माहौल रहता है और इसी गंदगी में शौचालय के बीच सूअर बैठे सरकार के सपनों को ठेंगा दिखाते रहते है।
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