हिसार

मोदी-खट्टर के खिलाफ गीत गाकर आंगनवाड़ी महिलाओं ने रखी मांगे

हिसार,
आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिलवाने सहित अन्य मांगों को लेकर हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनवाड़ी इंपलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर्स यूनियन ने अपने आंदोलन के 17वें दिन केन्द्र व प्रदेश सरकार को जमकर कोसा। महिलाओं ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, मंत्री कविता जैन एवं अन्य के खिलाफ गीत गाकर उन्हें कोसने के साथ-साथ अपनी मांगों का जिक्र किया। यूनियन ने चेताया है कि यदि शीघ्र ही सरकार ने बातचीत से हल नहीं निकाला तो कल से आंदोलन तेज किया जाएगा।
यूनियन की जिला प्रधान बिमला राठी ने कहा कि इतने दिन के धरने व प्रदर्शन के बाद भी सरकार द्वारा बातचीत न किया जाना दर्शाता है कि वह कितनी संवेदनहीन है। आंगनवाड़ी महिलाओं को धरने, प्रदर्शन व आंदोलन का शौक नहीं है लेकिन सरकार उन्हें ऐसा करने को मजबूर कर रही है। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार आंदोलन को लंबा खींचना चाहती है तो आंगनवाड़ी महिलाएं भी इसके लिए तैयार है। मांगों व समस्याओं का हल हुए बिना वे हरगिल पीछे हटने वाली नहीं है, चाहे इसके लिए उन्हें कितना ही बड़ा आंदोलन क्यों न करना पड़े। उन्होंने कहा कि धरनास्थल पर अन्य संगठनों के पहुंचने व समर्थन देने से आंदोलन को मजबूती मिली है और इसके लिए यूनियन उन संगठनों की आभारी है।

बिमला राठी ने आंगनवाड़ी महिलाओं की मांगों का जिक्र करते हुए दोहराया कि आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, अन्य कर्मचारियों की तरह 6 से 8 घंटे की ड्यूटी को देखते हुए योग्यता व ड्यूटी टाइम के हिसाब से उन्हें जेबीटी अध्यापक का ग्रेड दिया जाए, जिस तरह अन्य विभागों में 25 प्रतिशत प्रमोशन का कोटा है, उसी तरह उनको भी वरिष्ठता व योग्यता के अनुसार सीधे सुपरवाइज की पदोन्नति दी जाए, मोबाइल फोन की सुविधा दी जाए, वर्कर को 18 हजार हेल्पर को 15 हजार न्यूनतम वेतन दिया जाए, हेल्पर के छुट्टी पर जाने या रिक्त स्थान होने पर अतिरिक्त हेल्पर का प्रावधान किया जाए, हेल्पर से वर्कर पदोन्नत करने के लिए कार्य अनुभव 10 वर्ष से कम करके 3 वर्ष किया जाए, वर्कर का खाली पद सीधा हेल्पर से भरा जाए न कि साक्षात्कार से तथा खाना बनाने के लिए सिलेंडर की सप्लाई विभाग सीधे रूप से करें, क्योंकि 30 पैसे लाभार्थी मिलने वाले पैसे से सिलेंडर नहीं भर सकता। इसके अलावा कुछ अन्य मांगे भी है, जिनका मांगपत्र सरकार को भेजा जा चुका है।
धरने के दौरान जिला प्रधान बिमला राठी के अलावा राजबाला सूर्यनगर, निर्मला आजाद नगर, बिमला कुंडू, राजबाला जवाहर नगर, कृष्णा मिलगेट, राजबाला सहारण, मंतारी मिलगेट, पार्वती ऋषिनगर, गायत्री हांसी, संतरो नारनौंद, कमलेश बूरा बरवाला, ऊषा सलेमगढ़, शकुंतला हरिता, उमा डाया, अनिता शिव कालोनी, नीलम सातरोड, इशवंती बूरा, शशि बालसमंद, मूर्ति, रजविन्द्र, शकुंतला, अनिता, लक्ष्मी बालक, इन्द्रा बालक, पूनम नारनौंद, सीमा डाया, बीरमति रावतखेड़ा, रीना पुट्ठी, भतेरी ज्ञानपुरा, कौशल्या सातरोड खुर्द, सुनीता नया गांव, प्रेमो भैणी बादशाहपुर, रामदुलारी शेखपुरा, ऊषा सातरोड कलां, कमलेश कुंभा, बबीता सरसाना व कमला ज्ञानपुरा सहित सैंकड़ों महिलाएं आंदोलन में शामिल हुई।

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Jeewan Aadhar Editor Desk