हिसार

सांसद दुष्यंत ने की हिसार को पराली जलाने की प्रवृत्ति से मुक्त करने की पहल

हिसार,
किसानों की पराली जलाने की प्रवृत्ति से मुक्ति दिलवाने के लिए इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला ने पहल की है। इसके लिए सांसद दुष्यंत चौटाला किसानों को ऐसी आर्गेनिक दवाई उपलब्ध करवाने जा रहे हैं कि जिससे उपयोग से किसानों को खेतों में गेंहू-जीरी के फाने नहीं जलाने पड़ेगें बल्कि इस दवा के छिड़काव से फाने और पराली की स्वत: ही खाद भी बन जाएगी, यानि कि सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी।
सांसद दुष्यंत चौटाला ने हिसार लोकसभा क्षेत्र में एक लाख एकड़ भूमि के लिए इस आर्गेनिक दवा को किसानों को मुफ्त में उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। यह दवा दुष्यंत चौटाला किसानों को अपने सांसद निधि कोष से उपलब्ध करवाएंगे और इसकी खरीद के लिए 20 लाख रूपये की राशि सांसद निधि कोष से आवंटित करने जा रहे हैं। दवा खरीद को उन्होंने उपायुक्त को इस बारे में चिट्ठी लिख दी है और एक सप्ताह के भीतर यह दवा खरीदने के निर्देश दिए हैं।

सांसद दुष्यंत चौटाला का दावा

*हिसार लोकसभा में एक लाख एकड़ में निशुल्क उपलब्ध करवाएंगे यह दवा

*सांसद निधि के तहत आवंटित करेंगे 20 लाख रुपए

*एक एकड़ के लिए 30 ग्राम के इस वेस्ट डिकंपोजर की कीमत मात्र 20 रूपये

*मिनिस्ट्री आफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेल्फेयर भारत सरकार का तैयार की गई है दवाई

काबिले गौर है कि दिल्ली व एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर देश भर में हा-हाकार मचा हुआ है और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यनल ने वायु प्रदूषण की प्रमूख वजह एनसीआर में किसानों द्वारा पराली जलाने को प्रमूख वजह बताया गया है। एजीटी ने पराली जलाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा सरकार की कई बार कलास ली। हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने का फरमान जारी कर रखा है पर किसानों के पास पराली और फाने को खत्म करने का कोई विकल्प न होने के कारण, आदेशों असर कम ही दिखाई दे रहा है। विकल्कों की कमी में मजबूरन किसानों को पराली और गेहूं जीरी के फाने जलाने पड़ते हैं। सांसद दुष्यंत चौटाला बढ़ते प्रदूषण को लेकर काफी गंभीर थे और उन्होंने बीकानेर के कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सहित अन्य कृषि वैज्ञानिकों के साथ पराली और फाना प्रबंधन को गंभीरता से चर्चा भी की। हालांकि सरकार ने किसानों से पराली खरीदने की घोषणा भी की परन्तु यह घोषणा अभी धरातल पर उतरने से कोसों दूर है।
यह है आर्गेनिक दवा
सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा है यह आर्गेनिक दवा मिनिस्ट्री आफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेल्फेयर भारत सरकार का तैयार की गई है जिसका हरियाणा में मुख्यालय नेशनल सेंटर आफआर्गेनिक फार्मिंग के नाम से पंचकुला में है। यह सेंटर ने यह वेस्ट डिकपोजर उपलब्ध करवाता है। इस डिकपोजर को एक एकड़ भूमि में छिड़काव करना होता है। इसके छिड़काव से पराली व गेहूं के फाने स्वंत खाद में बदल जाएंगे और किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी सिफारिश करने वाले कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी खाद से भूमि की उरर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। एक एकड़ के लिए 30 ग्राम के इस वेस्ट डिकंपोजर की कीमत मात्र 20 रूपये है।
कोई साईड इफेक्ट तो नहीं इस दवा के
इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला ने इस दवा के साइड इफेक्ट जानने के लिए हिसार के कृषि उपनिदेशक को भी पत्र लिखा लिख कर रिपोर्ट मांगी थी कि कहीं इसके प्रयोग से कृषि भूमि, मानव जीवन या पर्यावरण को कोई खतरा तो नहीं है। कृषि उपनिदेक ने अपने जवाब ने भी इसका जवाब दे दिया है कि विभाग के सामने इसके कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आए हैं और किसानों को इसके प्रयोग की अनुशंसा की है। कृषि उपनिदेशक ने दुष्यंत को बताया है कि हिसार जिले में करीब एक लाख हेक्टेयर में गेहूं व जीरी के फाने व पराली जलाई जाने की संभावना है।

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