फरीदाबाद,
प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाए हुए है। इसके चलते हर सप्ताह कहीं न कहीं सीएम फ्लाइंग का छापा पड़ता ही रहता है। इसी कड़ी में सीएम फ्लाइंग ने एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है। एक्साइज टैक्सेशन विभाग के आला अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले के इस मामले में गुडग़ांव और फरीदाबाद के अधिकारियों के अलावा विभाग के ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि यह घोटाला 14 करोड़ 70 लाख रुपए का है, जिसमें से 5 करोड़ 17 लाख रुपए का घोटाला केवल फरीदाबाद में हुआ है। फिलहाल मामले में किसी भी अधिकारी या ठेकेदार की गिरफ्तारी नहीं हुई है। विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से एल-1 और एल- 13 के ठेकेदारों ने सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया।
जानकारी के मुताबिक, फरीदाबाद के एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग में मुख्यमंत्री उडऩदस्ते के एसीपी दिनेश यादव और उनकी टीम ने छापा मारा। यहां अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार कम पैसे जमा कराते थे। लेकिन विभाग के कागजों में मैनुअली रकम को चढ़ा दिया जाता था। जबकि सच्चाई यह थी कि सरकार के खाते में तो पैसे पहुंचते भी नहीं थे। मामला जब हरियाणा सरकार के संज्ञान में आया तो मामले की जांच मुख्यमंत्री उडऩदस्ते को दी गई।
जांच में सारे मामले का खुलासा हो गया और उडऩदस्ते की टीम ने दोनों जिलों में अलग-अलग घोटालों को उजागर कर दिया। फरीदाबाद में 5 करोड़ 17 लाख का घोटाला हुआ तो गुडगांव में 9 करोड़ 70 लाख रुपए का घोटाला पाया गया।
मुख्यमंत्री उडऩदस्ते के डीएसपी दिनेश यादव के अनुसार, घोटाले में ठेकेदारों में रघुवीर सिंह वीरेंद्र सिंह और नीरज सचदेवा शामिल पाए गए हैं, अधिकारियों में एटीओ अनिल बेनीवाल, राकेश शर्मा के अलावा इंस्पेक्टर राधेश्याम, प्रवीण पुंजानी, विशंभर और विजय कुमार शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ फरीदाबाद के सेंट्रल थाने में आईपीसी की धारा 420, 467, 471, और 120 के अलावा भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवा दिया गया है।