फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
सरकार ने अवैध कॉलोनियां काटने पर रोक लगा रखी है…प्रोपर्टी का धंधा मंदा चल रहा है..प्लाटों का कोई खरीददार अब बाजार में नहीं है..नोटबंदी के बाद कौड़ियों के भाव हो गई है प्रोपर्टी..ये बातें आपने इन दिनों काफी सुनी होगी। हकीकत भी ये है कि इन दिनों प्रोपर्टी का काम ठप्प पड़ा है।
इसके बावजूद भू—माफियों के हौंसले कम नहीं हुए है। एक बार फिर से शहर में अवैध कॉलोनियों का व्यापार आरंभ करने की फिराक में भू—माफियों ने अपनी सक्रियता को बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में योग नगर के पास कुछ भू—माफियों ने 4 एकड़ भूमि खरीदकर 2 एकड़ पर अवैध कॉलोनी भी काट दी। इतना ही नहीं इन्होंने यहां पर कई प्लाट बेच भी दिए। प्रशासन की नाक के नीचे कटी इस कॉलोनी के प्लाटों के जरिया भू—माफिया एक बार फिर से प्रोपर्टी के बिजनेस को चमकाने का प्रयास कर रहे है।
ये रखे गए है प्लाटों के साइज
चर्चाओं के अनुसार, योग नगर के पास 4 एकड़ की इस जमीन का सौदा सवा 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ में हुआ है। सूत्रों से पता चला है कि इस कालोनी में 50 फीसदी हिस्सा गुडग़ांव के एक व्यक्ति का है। वहीं 50 फीसदी हिस्सा फतेहाबाद के कुछ लोगों का है। इन लोगों ने यहां 2 एकड़ भूमि पर अवैध कालोनी काट दी गई है। इस कॉलोनी में कुल 31 प्लाट रखे गए हैं। इन प्लाटों की कीमत 2 लाख 41 हजार रुपये प्रति मरला रखी गई हैं। इस कालोनी में 8 प्लाट 6.6 मरले, 4 प्लाट 5.4 मरले, 2 प्लाट 5.92 मरले, 8 प्लाट 8.35 मरले, 4 प्लाट 5.92 मरले, 1 प्लाट 11.20 मरले, 1 प्लाट 13.30 मरले तथा 1 प्लाट 10.40 मरले का है। कॉलोनी का नक्शा भी बाजार में आ गया है। इस कॉलोनी से प्रोपर्टी का बाजार गर्म करने के लिए भू—माफियों ने 31 प्लाट में से 10 प्लाट बिके हुए दिखा दिए हैं। पूरी कॉलोनी से 6 करोड़ रुपए तक की कमाई की बात भी कही जा रही है।
कुंभकर्ण हुआ प्रशासन
शहरभर में इस कॉलोनी की चर्चाएं चल रही है लेकिन प्रशासन के कानों तक अभी तक इसकी चर्चा नहीं गई है। अवैध कॉलोनी होने के कारण सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है। परंतु जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है। अवैध कॉलोनी कटी है तो जाहिर है इसमें सिवरेज—पानी का कनैक्शन भी अवैध रुप से ही दिया जायेगा। इसका खमियाजा इन प्लाटों को खरीदने वाले आमजन को ही उठाना पड़ेगा।
ज्ञात रहे कि पहले भी जिले में अनेक अवैध कॉलोनियां कट चुकी हैं और वहां के प्लाट धारकों का लाखों रुपये डूब चुका है। हर बार कालोनाइजर अवैध कालोनियां काटकर लोगों के खून पसीने की कमाई ले जाते हैं और बाद में कालोनी अवैध घोषित हो जाती है। उस पर बनने वाले मकानों पर पीला पंजा चलता है तो इन कालोनियों में निवेश करने वाले निवेशक हाथ मलते रह जाते हैं।
प्लाट बेचने और खरीदने वाले दोनों दोषी
इस बारे में जब नगर योजनाकार कर्मवीर झाझडिय़ा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह कॉलोनी पूरी तरह से अवैध है और इस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया कि वह कॉलोनी में प्लाट खरीदने से बचें। क्योंकि अवैध कालोनी काटने वाले के साथ-साथ अवैध कालोनी में प्लाट खरीदने वाला भी दोषी होता है। इसमें धारा 7 के तहत अवैध कालोनी के प्लाटधारक पर केस दर्ज हो सकता है। इसमें 3 साल की सजा का प्रावधान भी है। उन्होंने कहा कि इस अवैध कालोनी पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
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