पटना,
लंबे समय से बीजेपी से नाराज चल रहे सीनियर लीडर और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बीजेपी छोड़ दी है। यशवंत सिन्हा ने अपने फैसले का ऐलान करते हुए कहा, ‘मैं बीजेपी के साथ अपने सभी संबंधों को समाप्त कर रहा हूं। आज से मैं किसी भी तरह की पार्टी पॉलिटिक्स से भी संन्यास ले रहा हूं।’ सिन्हा ने पटना में अपने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है। मैं राजनीति से संन्यास ले रहा हूं, लेकिन आज भी दिल देश के लिए धड़कता है। आपको बता दें कि यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा अब भी मोदी सरकार में मंत्री हैं।
#BJP leader #YashwanthSinha on Saturday announced that he is putting an end to his political career & slammed the present #government for 'influencing' the election commission and #investigativeagencies in the country.
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— ANI Digital (@ani_digital) April 21, 2018
उन्होंने कहा कि आज जो कुछ हो रहा है, उसके खिलाफ यदि हम नहीं खड़े होते हैं तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। बता दें कि यशवंत सिन्हा ने पिछले दिनों नोटबंदी के फैसले और जीएसटी लागू करने के तरीके को लेकर भी मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था।
सिन्हा ने इसी साल 30 जनवरी को राष्ट्र मंच के नाम से एक नए संगठन की स्थापना की थी। तब उन्होंने कहा था कि यह संगठन गैर-राजनीतिक होगा और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करेगा। शनिवार को कई विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मीटिंग के बाद यशवंत सिन्हा ने यह फैसला लिया है। आपको बता दें कि 1998 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री थे। यही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 1990 से 1991 तक चली सरकार में भी वह वित्त मंत्री थे।