हिसार

अग्रोहा मेडिकल का न्यूरो सर्जरी विभाग बना गरीबों के लिए वरदान

अग्रोहा (अग्रवाल)
महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा का न्यूरो सर्जरी विभाग किसी एम्स स्तर के मेडिकल संस्थान से कम नहीं है। भले ही यहां औजार व इंफ्रास्ट्रक्चर कम हो परंतु चिकित्सकों द्वारा किए गए कार्य बड़े-बड़े संस्थानों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर देते हैं। आजकल छोटे बच्चों में ब्रेन ट्यूमर की बीमारी अपने पांव पसार रही है।

ऐसे ही 5-6 बच्चे का हाल ही में सफल ऑपरेशन कर चुके न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉक्टर ईशु विश्नोई ने बताया की हाई ग्रेड ट्यूमर की वजह से एक बच्चा गौरव अपनी जिंदगी की अंतिम सांसे गिन रहा था, जिसका ट्यूमर 13 सेंटीमीटर का था। 6-7 घंटे की कड़ी मेहनत से उसका ऑपरेशन सफल हुआ। जब उसका वजन दो किलो बढ़ गया तब उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।

न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने जनवरी 2017 से लेकर अब तक 200 से ज्यादा सफल ऑपरेशन कर दिए हैं। इनमें सबसे लंबा ऑपरेशन 10 घंटे चला। एक व्यक्ति के गर्दन का ऑपरेशन करीब 1 साल पहले हुआ था जो आज बिल्कुल ठीक है।इसी प्रकार हंसराज (43) को भी ब्रेन ट्यूमर की वजह से आंखों से दिखाई देना बिल्कुल बंद हो गया था। उसके हाथ पांव काम नहीं कर रहे थे। जिस के ट्यूमर का ऑपरेशन कर दिया गया, अब उसे थोड़ा-थोड़ा दिखाई भी दे रहा है व उसके हाथ पांव भी काम करने लग गए हैं।

डॉक्टर ईशु विश्नोई ने बताया की एवीएम नामक बीमारी भी बहुत लोगों में देखने को मिल रही है जिसे हम आम भाषा में खून की नसों का गुच्छा बोल देते हैं । अभी तक एक बच्चे सहित कुल 6 लोगों के दिमाग में से एवीएम नामक बीमारी का भी इलाज कर चुके हैं। हाई ग्रेड ट्यूमर का इलाज दिल्ली के जीबी पंत हॉस्पिटल या इस स्तर के अन्य हॉस्पिटलों में संभव है परंतु यहां कम संसाधनों के बावजूद ऐसे कई सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आपरेशनों की ट्रेनिंग जीबी पंत अस्पताल व जापान से प्राप्त की। जिसका फायदा यहां के गरीब मरीजों को हो रहा है जो महंगे अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करवा सकते। ध्यान रहे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में गरीब मरीजों का इलाज बिल्कुल फ्री किया जाता है।

ट्यूमर के मुख्य लक्षणः-
अनुवांशिक, आंखों के ऊपर दर्द, सिर में एक तरफ दर्द होना, आंखों की रोशनी कमजोर होना, मिर्गी के दौरे आना। यदि किसी व्यक्ति में यह लक्षण हो तो तुरंत न्यूरो सर्जन से मिले।

कारण
ट्यूमर होने का सबसे बड़ा कारण रेडिएशन है जो सबसे अधिक मोबाइल से निकलता है व बार-बार या ज्यादा मात्रा में एक्स-रे,एम आर आई भी इंसान को ट्यूमर की तरफ ले जाता है। डॉक्टर ईशु बिश्नोई ने इस कामयाब सफर में अपने सहयोगी डॉक्टर निशा गहलावत, एनेस्थीसिया डॉक्टर ज्योति शर्मा, व डॉक्टर सुनील, ओटी टेक्नीशियन नरेश व ओटी सिस्टर रिया को भी बधाई का पात्र बताया।

टीम वर्क के बल पर महज 20 रुपए में शुरु करे बिजनेस..TATA NEXON CAR सहित बोनस और अन्य उपहार करे अपने नाम.. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

भव्य वार्षिक खेल समारोह में स्मॉल वंडर स्कूल के बच्चों ने किया शानदार प्रदर्शन

Jeewan Aadhar Editor Desk

कोरोना कहर — मजदूर पलायन

आदमपुर में त्योहारी सीजन आते ही दुकानदारों के सैंपल भरने की कार्रवाई शुरु, कांग्रेस ने व्यापारियों ने की विधायक व सरकार की निंदा

Jeewan Aadhar Editor Desk