धौलपुर,
जिले के राजघाट गांव में आजकल खुशी का माहौल है। हर कोई एक—दूसरे को बधाई दे रहा है। कारण है यहां एक विवाह का होना। दरअसल चंबल नदी के किनारे बसे इस गांव में बिजली, पानी, चिकित्सा सहित अन्य सुविधाएं न होने के कारण कोई भी अपनी बेटी की यहां शादी नहीं करना चाहता था। 22 साल पहले अंतिम बार 1996 में यहां शहनाई गूंजी थी। लेकिन इसके बाद किसी युवक का विवाह नहीं हो सका। कारण एकमात्र था सुविधाओं का अभाव। गांव में पहुंचने के लिए सडक़ तक नहीं है। लेकिन हाल ही 23 साल के युवक पवन कुमार लंबे समय से चले आ रहे इस सिलसिले को तोडऩे में कामयाब रहे। वे यहां से मध्यप्रदेश बारात लेकर गए और दुल्हन लेकर लौटे।
दूसरे युवकों को जगी शादी की उम्मीद
धौलपुर से पांच किमी दूर इस गांव में इस शादी से युवाओं में उत्साह नजर आ रहा है। पहले युवा अपने विवाह को लेकर लगातार परेशान रहते थे लेकिन पवन कुमार की शादी के बाद अन्य युवकों की शादी का भी रास्ता साफ हुआ है। गांव की आबादी मात्रा 350 है। एकमात्र प्राथमिक स्तर का सरकारी स्कूल है जहां कुछ ही विद्यार्थी पढऩे आते हैं। यहां पिछड़ेपन का आलम ये है कि शाम होते ही पूरा गांव अंधेरे में डूब जाता है। चंबल के किनारे होने पर भी गांववालों को पानी का शुद्ध पानी नहीं मिल पाता।
#Rajasthan: Dholpur district's Rajghat village witnessed a 'baraat' after a gap of 22-years on 29 April, as families were not willing to marry off their daughters to men of the village owing to unavailability of water, electricity supply & road connectivity. pic.twitter.com/m47YEsLzfh
— ANI (@ANI) May 5, 2018