हरियाणा हिसार

मनोहर सरकार में सरकारी फार्म में 150 से अधिक गाय भूख—प्यास से मरी, गोसेवकों ने किया चारा का प्रबंध

हिसार(एस.कुमार)
गांव ठसका में करीब 600 एकड़ सरकारी भूमि पर बड़ी संख्या में गोधन मृत अवस्था में मिला है। रविवार को यहां पर 40 गाय मृत मिली थी। आज गोसेवकों द्वारा चलाए गए सर्च अभियान में मृत गायों के कंकाल और बॉडी को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि करीब 150—200 के बीच इसकी संख्या पहुंच सकती है।
बड़ी संख्या में गायों के मरने के कारण यहां का वातावरण पूरी तरह से बदबू के आगोश में है।
श्री हरियाणा कुरुक्षेत्र गोशाला के पदाधिकारी नरेश सिंगल ने मौके पर पहुंचकर यहां बिमार गायों को एम्बुलेंस की मदद से यहां से उठाने का काम आरंभ किया। गौसेवकों के साथ मिलकर जगह—जगह पर सूखा और हरा चारा ड़ाला गया है।

1000 से अधिक गाय
करीब 600 एकड़ की इस सरकारी जमीन पर करीब 1000 गाय होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। 100 से ज्यादा गायों के मृत शरीर और कंकाल अभी तक यहां देखे गए है। मृत गायों को कुत्तें नोंच—नोंचकर खा रहे है—इसके चलते पूरे वातावरण में बदबू छाई हुई है। इतना ही नहीं श्री हरियाणा कुरुक्षेत्र गोशाला के पदाधिकारियों को यहां दर्जनभर से अधिक बिमार गाय में भी आज मिली। रविवार को भी यहां पर 8 बिमार गाय मिली थी। अधिकतर गाय चारा और पानी न मिलने के कारण कमजोर होकर बिमार हुई है। कई गायों की हालत तो इतनी अधिक दयनीय है कि उनके शरीर में कीड़े पड़ चुके है।

जमीन पर बना है गो सदन
सरकार की इस जमीन पर सरकार द्वारा गो सदन का निर्माण भी किया गया है। चौकान्ने वाली बात यह है कि इस सदन में केवल 44 गाय ही रखी गई है। गो सदन के आसपास सैंकड़ों गाय बिमार और मृत अवस्था में है लेकिन इसके बाद भी सरकारी कर्मचारियों ने उनके उपचार करने या मृत गाय को दफनाने के बारे में विचार तक नहीं किया। सरकार आमजन से गो पालक बनने की अपील करती है। हर गांव में गोशाला खोलने की बात कहती है, लेकिन अपनी ही जमीन में इस प्रकार से भूख—प्यास से मर रही गायों को लेकर सरकार ने पूरी तरह से आंखें मूंद रखी है।

नशे में था कर्मचारी
गो सदन में जब गोसेवक पहुंचे तो मौके पर एक कर्मचारी मौजूद मिला। वह स्वयं को पशुचिकित्सक बता रहा था। लेकिन उसने सुबह ड्यूटी के समय ही शराब पी रखी थी। गोसेवकों को आता देख उसने मौके पर खिसकने की भी कोशिश की। बाद में शराब पीने के लिए माफी मांगते हुए उसने आगे से ड्यूटी पर शराब न पीने की बात कही। उक्त कर्मचारी ने बताया कि गो सदन में रखी गई सभी 44 गाय स्वास्थ है। जब उससे गो सदन के आसपास बिमार और मृत गायों के बारे में पूछा गया तो उसने चुप्पी साध ली।
गोसेवक आए आगे
नरेश सिंगल ने बताया कि यहां पर अधिकतर पशुओं की मौत और बिमार होने का कारण भूख और प्यास है। अब मामला संज्ञान में आने के बाद शहरवासियों की मदद मांगी गई है। जमीन पर जगह—जगह तूड़ी और हरा चारा ड़ाला गया है ताकि गाय अपना पेट भर सके। उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार के संज्ञान में लाया जायेगा।

ग्रामीणों से बात करेंगे : रामपत
सरपंच प्रतिनिधी रामपत का कहना है उन्हें इस क्षेत्र में इतनी अधिक संख्या में गायों के होने के बारे में पता नहीं था। सरकारी फार्म होने के कारण गांव के लोग यहां नहीं आते। उन्होंने कहा कि गायों को बचाने के लिए वे ग्रामीणों और गोसेवकों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे है। जल्द ही
यहां पर गायों के लिए उचित व्यवस्था बनाई जायेगी।

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