फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
जिले की सरकार अधिकारियों से नराज होकर धरने पर बैठ गई है। जिला परिषद चेयरपर्सन के नेतृत्व में लगभग सभी जिला पार्षद लघु सचिवालय के सामने धरना देकर बैठे हैं। दरअसल, जिला परिषद सदस्यों का आरोप है कि विकास कार्यों को लेकर जिले के अधिकारी कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। बैठक में जिला परिषद सदस्य जब विकास कार्यों को लेकर बातचीत करते हैं तो अधिकारी दुर्व्यवहार पर उतर आते हैं।
ध्यान रहे जिला परिषद की बैठक में जिला परिषद सदस्यों के साथ सीईओ विनीश कुमार का विवाद हुआ था। इसके बाद जिला परिषद चेयरपर्सन ने आरोप लगाया कि सीईओ ने जिला परिषद सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया। हंगामा होने पर सरकार ने सीईओ का तबादला कर दिया लेकिन जिला परिषद चेयरपर्सन और सदस्य सरकार के इस कदम से संतुष्ट नहीं है।
आज धरने पर बैठी जिला परिषद चेयरपर्सन गीता नांगली ने कहा कि सरकार सीईओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और जिला परिषद में आए बजट का विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल करने कह अनुमति प्रदान करे। गीता नंगली ने आरोप लगाया कि अधिकारी ग्राम पंचायतों की ओर से विकास कार्यों के लिए दिए जा रहे प्रस्तावों पर जानबूझकर ऑब्जेक्शन लगा रहे हैं जो कि सही नहीं है।
जिला परिषद सदस्य रामचंद्र सहनाल ने कहा कि अधिकारियों की मनमर्जी के कारण गांव में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण जनता के प्रतिनिधियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला पार्षद रामचंद्र चैनल ने कहा कि सरकार लापरवाह अधिकारियों खासकर सीईओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और जिला परिषद सदस्य के प्रस्तावों पर विकास कार्य करवाने को मंजूरी दे।
धरना दे रहे जिला पार्षदों ने साफ किया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वे लघुसचिवालय के आगे धरने पर बैठे रहेंगे। ये पहला मौका है जब जिला परिषद के पदाधिकारी व सदस्य इस प्रकार से धरने पर बैठ कर अपनी मांग मनवाने के लिए संघर्ष कर रहे है। अब देखते है सरकार इनकी मांग और धरने को लेकर क्या रणनीति अपनाती है।