नई दिल्ली,
ताजमहल के रखरखाव पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नाराज़गी जताते हुए कहा कि ‘क्या काई के पास पंख हैं जो उड़कर ताजमहल पर बैठ जाती है।’ दरअसल, ASI और केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि ताजमहल के पीले पड़ने का कारण कीड़े और काई हैं।
इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने SC ने ASI को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘ASI ताजमहल की समस्या समझना नहीं चाहता। ASI का यही स्टैंड रहा तो केंद्र ताजमहल के रखरखाव के लिए दूसरा विकल्प तलाशे। सुप्रीम कोर्ट ने ASI और केंद्र से विजन डक्यूमेंट भी पेश करने को कहा।’
ASI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ताजमहल के बदलते रंग की वजह गंदे मोजे और ताज पर मौजूद गंदे कीड़े और काई है। कोर्ट ने ASI के इस जवाब पर हैरानी जताते हुए कहा कि ‘क्या ये संभव है कि कि काई उड़कर छत पर पहुंच गई। कोर्ट ने ASI के लचर रवैये पर ASI को फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समस्या ये है कि ASI ये मानने के लिए तैयार ही नहीं कि कोई दिक्कत है। अगर ASI ने जिम्मेदारी से अपना काम किया होता तो ये स्थिति पैदा ही नहीं होती। 22 साल पहले, 1996 में दिए हमारे आदेश पर अब तक अमल नहीं हो पाया है।’
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी से पीठ ने कहा, ‘यदि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने अपना काम ठीक से किया होता तो आज यह स्थिति नहीं होती। हम एएसआई के अपना बचाव करने के तरीके से आश्चर्यचकित हैं। आप (केन्द्र) कृपया विचार कीजिये कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की वहां जरूरत है या नहीं।’ इस बीच, नाडकर्णी ने पीठ से कहा कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ताज महल के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को नियुक्त करने के शीर्ष अदालत के सुझाव पर विचार कर रहा है। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के वकील ने न्यायालय से कहा कि यमुना नदी में पानी के ठहराव की वजह से कीटों की समस्या उत्पन्न हो रही है।
शीर्ष अदालत ने इस साल मार्च में ताजमहल के संरक्षण और ताज ट्रैपेजियम जोन में पर्यावरण के संरक्षण के बारे में दृष्टिपत्र का मसौदा पेश करने का निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया था। ताज ट्रैपेजियम जोन करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है, जिसके दायरे में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस, एटा और राजस्थान के भरतपुर का इलाका आता है।
दरअसल, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ओर से पेश किए तस्वीरों को देखकर ASI से जवाब तलब किया था। आज ASI ने कोर्ट को बताया कि ताजमहल के फर्श गंदा होने की वजह दरसअल गंदे मोजो का इस्तेमाल होना है, हम सिर्फ VIP लोगों को मोजे देते है, बाकी लोग अपने मोजो का इस्तेमाल करते हैं।