हिसार

सरकार ने रोडवेज चालकों को हटाने के आदेश रोके तो टाला चक्का जाम

हिसार,
वर्ष 2016 में भर्ती किये गए चालकों की सेवाएं समाप्त करने के विरोध में रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर रोडवेज कर्मचारियों ने यहां डिपो प्रांगण में जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के जनविरोधी व कर्मचारी विरोधी फैसलों की आलोचना की। हालांकि इन कर्मचारियों को हटाए जाने के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों को आज चक्का जाम करना था लेकिन सरकार द्वारा अस्थाई तौर पर अपने आदेश रोक देने पर चक्का जाम नहीं किया गया लेकिन ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी डिपो से किसी कर्मचारी को हटाया गया तो उसी समय पहले उस डिपो का और बाद में पूरे प्रदेश में चक्का जाम कर दिया जाएगा।

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इससे पहले रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी की और से डिपो प्रांगण में गेट मीटिंग हुई, जिसकी अध्यक्षता डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई, सतपाल डाबला, अजमेर सावंत, रमेश माल व पवन बूरा ने की। गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए ज्वाइंट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा, रमेश सैनी एवं जयभगवान बडाला ने कहा कि सरकार का काम रोजगार देना होना चाहिए, छीनना नहीं। हाल ही में सरकार ने विभाग में चालक भर्ती किये हैं लेकिन भर्ती हुए चालकों की संख्या विज्ञापित चालकों की संख्या से काफी कम है, इसलिए किसी डिपो में चालक सरप्लस होने का सवाल ही नहीं है। ऐसे में उच्चाधिकारी इन 365 चालकों को हटाने का आदेश देकर कर्मचारियों के रोष की आग में घी डालने का प्रयास कर रहे हैं, जो निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को रोडवेज कर्मचारियों को पूरे प्रदेश में चक्का जाम करना था लेकिन ऐन मौके पर सरकार की ओर से इन चालकों की सेवाएं फिलहाल समाप्त न करने के आश्वासन पर चक्का जाम को टाल दिया गया। रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी नहीं चाहती कि चक्का जाम होने से विभाग को घाटा हो और जनता को परेशानी हो, लेकिन विभाग के उच्चाधिकारी अपनी मनमर्जी चलाने के प्रयास में मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री को गुमराह करके उन्हें कर्मचारियों के खिलाफ भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की सभी यूनियने कर्मचारियों व आम जनता के हित में एकजुट है और यदि इन 365 चालकों को हटाने का प्रयास किया गया तो किसी भी समय प्रदेशभर में रोडवेज का चक्का जाम हो सकता है, जिसकी जिम्मेवारी ऐसे आदेश देने वाले उच्चाधिकारियों की होंगी।

इस दौरान दलबीर किरमारा ने विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह एवं महानिदेशक विकास गुप्ता से फोन पर हुई बातचीत का ब्यौरा कर्मचारियों के समक्ष रखा, जिसमें अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल इन 365 चालकों को हटाने का फैसला रोक दिया गया है और शीघ्र ही बैठक बुलाकर इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। कर्मचारियों की गेट मीटिंग को उपरोक्त के अलावा कुलदीप पाबड़ा, सुभाष ढिल्लो, अरूण शर्मा, तेजेन्द्र गोदारा, धर्मपाल शर्मा, कृष्ण ढिल्लो, सुभाष किरमारा, महेन्द्र माटा व दर्शन जांगड़ा सहित अन्य पदाधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। तत्पश्चात कर्मचारियों ने जीएम आफिस के समक्ष नारेबाजी की और इन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के निर्णय का विरोध जताया।

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