चंडीगढ़,
हरियाणा सरकार ने सफाई कार्य में ठेका प्रथा को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब सफाई कर्मचारियों की भर्ती स्वीकृत पदों पर नगरपालिकाओं के रोल पर की जाएगी। इस संदर्भ में सीएम के नेतृत्व में सफाई कर्मचारियों की यूनियनों से बातचीत की गई थी। बैठक में ही कर्मचारियों की मांग के अनुरुप उनके हित में फैसला लिया और ठेका प्रथा को समाप्त करने की घोषणा कर दी। अब सफाई कर्मचारियों की भर्ती स्वीकृत पदों पर नगरपालिकाओं के रोल पर की जाएगी।
गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान हरियाणा के अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि यदि किसी नगरपालिका, नगर परिषद और नगर निगम में स्वीकृत पदों की संख्या कम है, तो वे पदों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार के पास फाइल भेजे देंगे।
उन पर विचार किया जाएगा। कर्मचारियों द्वारा समान काम-समान वेतन की मांग पर सीएम ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, जो 10 दिनों में सभी परिस्थितियों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। रिपोर्ट आते ही समान काम-समान वेतन को भी लागू कर दिया जाएगा।
मासिक भत्ता बढ़ाने की मांग स्वीकार
बैठक में कर्मचारियों की मासिक भत्ता बढ़ाने की मांग को भी स्वीकार कर लिया गया है। पहले सफाई कर्मचारियों को 350 रुपए मासिक भत्ता मिलता था, मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के हित को देखते हुए इसमें 650 रुपए की बढ़ोत्तरी की है। इस प्रकार अब सफाई कर्मचारियों को एक हजार रुपए मासिक भत्ता मिलेगा। कर्मचारियों की अन्य सभी मांगों पर भी सहमति बन गई है। इसलिए सफाई कर्मचारियों से अपील है कि वे किसी राजनीति का शिकार न हों और हड़ताल खत्म कर काम पर वापस लौट जाएं।
पद पुन: होंगे विज्ञापित
उन्होंने कहा कि फायर स्टाफ के मामलों में वर्तमान आउटसोर्स श्रेणी के तहत 1366 चालक व फायरमैन हैं। नए सेवा नियमों के अनुसार फायर ऑप्रेटर्स पद के लिए बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण, भारी वाहन चलाने का लाईसेंस और फायर फाइटिंग का बेसिक कोर्स जैसी तीन योग्यताएं होती हैं।
1355 में से 559 व्यक्तियों के पास ये सभी तीनों योग्यताएं हैं और वे हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा फायर ऑपेरटर्स के विज्ञापित 1644 पदों के लिए आवदेन करने के योग्य हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से संशोधन करके पदों को पुन: विज्ञापित किया जाएगा।