बेंगलुरु,
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा सरकार को बहुमत साबित करने के लिए शनिवार शाम 4 बजे तक का समय दिया है। हालांकि राज्य विधानसभा में जिस तरह के हालात हैं, उसे देखकर लगता है कि बीजेपी के लिए अपनी सरकार बचाना आसान नहीं होगा।
हालांकि येदियुरप्पा सरकार का दावा है कि वो सदन में विश्वास मत हासिल करने में कामयाब रहेगी। लेकिन अभी तक कर्नाटक विधानसभा चुनाव की स्थिति पर नजर डालें तो यह इतना आसान नहीं लग रहा।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 222 सीटों पर आए नतीजों में बीजेपी को 104 सीटें मिली, और यह संख्या बहुमत से 8 कम है। दूसरी ओर, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं। कुमारस्वामी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है, इसलिए बहुमत के लिए 111 विधायक चाहिए।
ऐसे में बीजेपी की इस नई सरकार के लिए शनिवार का दिन बेहद अहम साबित होने जा रहा है। ऐसा नहीं है कि येदियुरप्पा सरकार के बचने की कोई उम्मीद ही नहीं है। यहां भी अगर-मगर की स्थिति है।
क्या है विकल्प
ढाई दिन की सरकार बचाने के लिए बीजेपी को 111 विधायकों का समर्थन चाहिए। जेडीएस के नेता कुमारस्वामी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है, ऐसे में इनका एक ही वोट मान्य होगा। आइए जानते हैं उन विकल्पों को जिनके संभव होने की सूरत में सरकार बहुमत हासिल कर सकती है और येदियुरप्पा कुर्सी पर बने रह सकते हैं।
विकल्प 1
पार्टी लाइन से अलग होकर विपक्ष के 7 विधायक विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट दें। ऐसी सूरत में बीजेपी अपने 104 और 7 विधायकों के साथ 111 का आंकड़ा छू लेगी और बहुमत हासिल कर सकेगी।
विकल्प 2
विपक्ष के 14 विधायक मतदान के दौरान गैरमौजूद रहें। ऐसे में 221 विधायकों वाले सदन में 14 विधायक कम होने के बाद सदन में 207 विधायक उपस्थित होंगे और बहुमत के लिए बीजेपी को 104 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा जो उसके पास पहले से ही है।