हिसार

बिजली के बिल गलत औैर लेट मिलने से 38 गांवों के उपभोक्ता परेशान, ग्रामीणों ने बिल न भरने का लिया फैंसला

आदमपुर (अग्रवाल)
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से निजी कंपनी को दिया गया बिल तैयार करने का ठेका 38 गांवों के उपभोक्ताओं के गले की फांस बना हुआ है। आदमपुर सब डिवीजन के तहत आने वाले इन गांवों के हजारों उपभोक्ताओं को कभी मीटर की रीडिंग गलत तो कभी समय पर बिजली के बिल नहीं मिल रहे हैं। लेट और गलत बिल आने से जहां हजारों उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही हैं वहीं निगम में डिफाल्टिंग अमाउंट भी बढ़ती जा रही है।
लुदास गांव ने किया बहिष्कार
समय पर बिल न मिलने और गलत रीडिंग के चलते गांव लुदास के ग्रामीणों ने बिल न भरने का बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई माह से गलत बिल थमाए जा रहे है। बिल की राशि इतनी ज्यादा है कि वे बिल ठीक करवाने के लिए दफ्तरों में चक्कर काटने को मजबूर है। आखिर थकहारकर पूरे गांव ने बिल न भरने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों द्वारा किए गए बहिष्कार के बाद निगम के एस.डी.ओ. मुकेश रोहिल्ला गांव में पहुंचे औैर उपभोक्ताओं को समझाने का प्रयास किया। इनके अलावा उपभोक्ता गुगन राम, संजय कुमार, विनोद, संदीप, उमेद सिंह, रामचंद्र, सुशील कुमार, जगदीश, रामसिंह, लहरी सिंह आदि ने बताया कि पहले तो कंपनी के कर्मचारी मीटर की रीडिंग लेने नहीं पहुंचे उसके बाद बिल भी उपभोक्ताओं के घर तक नहीं पहुंचा रहे हैं।
रिटायर्ड फौजियों से ही बिल बंटवाने की मांग
निजी हाथों में कमान सौंपने के बाद बिजली मीटर रीडिंग व बिल वितरण प्रणाली आदमपुर में बुरी तरह चरमरा गई है। रोजाना बिजली के अनेक उपभोक्ता बिल ठीक कराने के लिए निगम के कार्यालयों में चक्कर काटने को विवश हैं। उपभोक्ताओं ने रीडिंग लेने और बिल बांटने का जिम्मा पहले की तरह रिटायर्ड फौजियों को देने की मांग की है।
बढ़ गई डिफाल्टिंग अमाउंट
इस माह बिल न बंटने के चलते निगम को मजबूरन गांव बगला, मंडी आदमपुर, मोडाखेड़ा, घुड़साल, मोहब्बतपुर, ढाणी मोहब्बतपुर में बिल भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाना पड़ा था। अधिकारियों की माने तो लाइनलोस औैर डिफाल्टिंग अमाउंट कागजों में ज्यादा बढ़ गया है। जबकि वास्तव में इतना नही है। निगम के एस.डी.ओ. मुकेश रोहिल्ला ने बताया कि लोगों को बिजली के बिल समय पर न मिलने के साथ गलत रीडिंग के मामले सामने आ रहे हैं। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। बिलों को ठीक करने के लिए विभाग के सभी कर्मचारियों को गांवों में जाना पड़ रहा है। बिल गलत होने से जे.ई., ए.एफ.एम., लाइनमैन, ए.एल.एम., एल.डी.सी. और यू.डी.सी. में काम का अतिरिक्त भार बढ़ गया है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk