हिसार (राजेश्वर बैनीवाल)
हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने इस बात पर खेद जताया है कि हिसार व हांसी जिला पुलिस पीडि़तों को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक रूप से और ज्यादा प्रताडि़त कर रही है। हिसार व हांसी में एसपी के रूप में महिला अधिकारियों की नियुक्ति है लेकिन दुर्भाग्य है कि इन दोनों जिला में महिलाओं की प्रताडऩा के मामले अधिक आ रहे हैं और पुलिस पीडि़तों की बजाय आरोपियों के पक्ष में खड़ी नजर आती है।
हिसार में दो दिवसीय संयुक्त बैंच की सुनवाई के बाद लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने कहा कि आयोग की संयुक्त बैंच ने अब तक रोहतक, फरीदाबाद, गुडग़ांव, सोनीपत, मेवात (नूंह), महेन्द्रगढ़ जिलों में महिला विरूद्ध अपराधों की सुनवाई की थी और हिसार नौंवा जिला था जहां दो दिनों में सुनवाई हुई है। यहां पर 44 से अधिक शिकायतों पर सुनवाई हुई और दोनों पक्षों की बात सुनी गई जिसमें उभर कर यही सामने आया कि हिसार व हांसी पुलिस की कार्रवाई से कोई पीडि़त संतुष्ट नजर नहीं आया वहीं आयोग ने भी देखा कि पुलिस भी पीडि़त के पक्ष में नहीं बल्कि आरोपियों के पक्ष में खड़ी दिखाई दी। हिसार व हांसी पुलिस जिलों में महिलाओं की प्रताडऩा के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं जो निंदनीय है और इसके लिए सीधे तौर पर इन दोनों जिलों की पुलिस अधिकारी, उनकी लचर कार्यप्रणाली तथा उनका जनता से सीधा संवाद न होना जिम्मेवार है।
प्रतिभा सुमन ने कहा कि यदि महिला विरूद्ध अपराध व अन्य तरह के अपराध को रोकना है तो पुलिस को संवेदनशील बनना पड़ेगा। यदि इन जिलों में नियुक्त अधिकारी जनता को न्याय देने में सक्षम नहीं है तो उन्हें अपना तबादला किसी अन्य पद पर करवा लेना चाहिए जहां पब्लिक डीलिंग न हो। उन्होंने कहा कि दोनों जिलों में महिला अधिकारियों के होते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढऩा निंदनीय व चिंतनीय है और इन जिलों की पुलिस अधिकारियों की कार्यप्रणाली बारे सरकार को लिखा जाएगा और पुलिस महानिदेशक से भी बातचीत की जाएगी। एक प्रश्न के जवाब में प्रतिभा सुमन ने बताया कि महिला थाना की तत्कालीन प्रभारी सरोजबाला के हनीट्रेप में फंसने के बाद उक्त एसएचओ द्वारा निपटाए गए मामलों की जांच की जाएगी और यदि किसी को झूठा फंसाया गया है तो उसे न्याय दिलाया जाएगा। महिला आयोग केवल महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि हर सही नागरिक के हक में काम करता है। यदि कोई महिला किसी पर गलत आरोप लगाती है तो उस पर भी आयोग कार्रवाई की सिफारिश करता है।
आयोग की वाइस चेयरमैन प्रीति भारद्वाज ने कहा कि आयोग का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को प्रताडऩा से राहत दिलाना व टूटने के कगार पर खड़े परिवारों को जोडऩे का प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में आयोग ने एजेंडे में जागरूकता शिविर लगाने, जेलों व महिला थानों के दौरे करना आदि भी शामिल किया है। उन्होंने कहा कि आयोग के समक्ष जिस तरह भी महिलाओं की प्रताडऩा से संबंधित शिकायत पहुंचती है, उस पर कार्रवाई का प्रयास किया जाता है।
महिला आयोग की सदस्य सुमन बेदी ने कहा कि हिसार व हांसी जिलों में वे अक्सर आती-जाती रहती है और यहां पर यही बात सामने आई है कि प्रताडऩा से दुखी जनता पुलिस के पास जाती है लेकिन पुलिस उन्हें और प्रताडि़त करती है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि हिसार व हांसी जिलों में महिलाओं की प्रताडऩा के मामले बढऩे, पुलिस की असंवेदनशीलता तथा अधिकारियों की लचर कार्रवाई को देखते हुए उन्होंने महिला आयोग से हिसार में संयुक्त बैंच लगाकर सुनवाई करने की मांग रखी थी जिस पर आयोग ने दो दिन सुनवाई की है और इसके लिए वे चेयरपर्सन व वाइस चेयरपर्सन की आभारी है। उन्होंने कहा नारनौंद क्षेत्र में बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद टेलीफोन न उठाने व घटना पर गंभीरता न दिखाने के मामले में आयोग ने हांसी की एसपी प्रतीक्षा गोदारा को तलब किया था लेकिन वे किसी बहाने से टाल गई, इसलिए अब उन्हें फिर से तलब किया हुआ है।