बेंगलुरु,
किसी भी छात्र के लिए 99.84 फीसदी अंक लाना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है, लेकिन कर्नाटक के एक छात्र को 625 में 624 अंक लाने पर भी संतुष्टि नहीं हुई। उसने फिर से कॉपी जांच करने के लिए आवेदन कर दिया। रीचेकिंग का जो नतीजा आया वह और भी चौकाने वाला था। रीचेंकिग में छात्र को 1 नंबर और मिला। छात्र के इस विश्वास की हर कोई दाद देर रहा है।
यह मामला कर्नाटक का है। यहां के बेलगावी के छात्र मोहम्मद कैफ मुल्ला को 10वीं के एग्जाम में 625 में 624 अंक मिले। कैफ मुल्ला की इस कामयाबी का हर कोई जश्न मना रहा था। लेकिन खुद कैफ को इस कामयाबी से कोई खुशी नहीं थी, बल्कि उसे कॉपी चेकिंग के दौरान कुछ गड़बड़ होने का संदेह था।
कैफ को विज्ञान विषय को छोड़ कर हर विषय में 100 में से 100 अंक मिले थे, लेकिन कैफ को 1 नंबर भी काटा जाना अखर रहा था। उसे खुद पर इतना भरोसा था कि उसका 1 नंबर भी नहीं काटा जा सकता। इसी विश्वास के साथ कैफ ने दोबारा जांच के लिए फार्म भर दिया। कैफ के आवेदन पर तमिलनाडु माध्यमिक बोर्ड ने कैफ की विज्ञान की कॉपी की दोबारा जांच की और जांच के दौरान उसे 1 नंबर और दिया गया। इस तरह कैफ ने 625 में 100 फीसदी अंक हासिल कर पूरे राज्य को टॉप किया है। इससे पहले टॉप की लिस्ट में कैफ सहित दो स्टूडेंट थे।
कैफ के पिता हारुन रशिद मुल्ला एक सरकारी स्कूल में कन्नड़ टीचर हैं और उनकी मां परवीन मुल्ला भी एक स्कूल में उर्दू टीचर हैं। कैफ ने इस कामयाबी पर बताया कि उसे शुरू से भी भरोसा था कि उसके 100 में 100 अंक ही आएंगे। कैफ सिविल सेवा में जाना चाहता है। उसकी इस कामयाबी से उसके माता-पिता बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने उनका नाम रौशन किया है।
मोहम्मद कैफ मुल्ला ने कहा, ‘624 नंबर मेरे लिए कम थे क्योंकि मैंने ज्यादा की उम्मीद की थी। मैं अपने अभिभावक, अध्यापक और सभी रिश्तेदारों का शुक्रगुजार हूं। मैं अपने जूनियर्स से कहना चाहता हूं कि पहले अपने सपने को समझें और फिर उस पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करें।’