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बजरंग दास दहाड़े, हरियाणा को अनिश्चितकाल बंद करने की दी धमकी

भिवानी
अखिल भारतीय व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल के प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने पत्रकार वार्ता के उपरान्त राज्यस्तरीय व्यापारी प्रतिनिधी सम्मेलन में बतौर मुख्यअतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व के देशों में जहां-जहां भी जीएसटी लागू है, लगभग उस देश में टैक्स की दरे एक हैं, मगर भारत एक ऐसा देश है की जहां पर टैक्स फ्री वस्तुओं के अलावा 6 प्रकार के अलग-अलग टैक्स लगाये गये हैं,जो टैक्स कि दरे भारत सरकार ने लगाई है— वह भी विश्व के अन्य देशों से बहुत ज्यादा है। केंद्र सरकार ने जीएसटी के तहत टैक्स कि दरे कम करने कि बात कही थी, लेकिन ऐसा किया नहीं।
उन्होंने बताया कि विश्व के अलग—अलग देशों में टैक्स की दर बहुत कम है। कनाडा, ताइवान, बहरीन, जर्सी में 5 प्रतिशत, मलोशिया में 6 प्रतिशत, सिंगापुर, तंजानिया में 7 प्रतिशत, बहमास, अमेरिका में 7.5 प्रतिशत, जापान 8 प्रतिशत, स्विट्जलैंड में 8 से 3.8 प्रतिशत, अॅास्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, कोरिया, मंगोलिया में 10 प्रतिशत, कजाखिस्तान में 12 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका में 14 प्रतिशत, चीन में 17 प्रतिशत टैक्स दर हैं।
विश्व के लगभग 50 प्रतिशत देशों में जीएसटी लागू नहीं हैं। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने कहा कि इसके अलावा जीएसटी के तहत देश के अलग-अलग राज्यों को अनाज व कई आईटमों पर टैक्स लगाने का अधिकार दिया गया है, जब की केन्द्र सरकार जीएसटी के तहत पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली कानून लागू करने जा रही है तो किसानों की फसल पर हरियाणा में अलग से मार्केट फीस (मण्डी टैक्स) लगाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। अगर अनाज पर मार्केट फीस लगाई गई तो उसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने कहा कि व्यापारियों का जो 30 जून 2017 तक का स्टॉक बचा हुआ है, उसकी लिस्ट व्यापारियों को 60 दिन के अन्दर-अन्दर सरकारी विभाग में ऑनलाईन जमा करवानी होगी, मगर स्टॉक भरने का जो फार्म सरकार ने बनाया है, वह बहुत ही जटिल है। व्यापारी उस फार्म को भरने की स्थिति में नहीं है। साथ ही व्यापारियों का जो माल स्टॉक है, उसका वैट कर व एक्साईज डयूटी व्यापारियों ने सरकार को दे रखा है। ऐसे में उसे आॅनलाईन करने का कोई कारण नहीं बनता।
राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जीएसटी में व्यापारियों को इतना उलझा दिया है कि व्यापारी अपना व्यापार ना करके उसका लेखा-जोखा रखने में ही रह जायेगा। जबकि देश में लगभग व्यापार व उद्योग पहले ही नुकसान में चल रहे हैं। आज व्यापारी बैंक के कर्जों तले दबता जा रहा है, उपर से केन्द्र सरकार जीएसटी में कपड़ा, साड़ी, चीनी, धूप, अगरबत्ती जैसी अनेकों वस्तुओं पर टैक्स लगाने जा रही है, जोकि​ आम उपयोग में आने वाली वस्तुएं है। इन पर टैक्स कम करने की बजाये उन पर टैक्स बढ़ा कर 28 व 18 प्रतिशत तक किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर व्यापारी जीएसटी टैक्स भरने में लेट हो जाये या कागज कार्यवाही में गलती होने पर सजा का प्रावधान सरकार ने रखा है और उसके अलावा पैसे वसूलने के लिए व्यापारियों की प्रोपर्टी अटैच करने का कानून बनाया है, जोकि बहुत गलत है।

राष्ट्रीय महासचिव बजरंग दास गर्ग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली से मांग की है कि वह जीएसटी प्रणाली को अपने स्तर पर जांच कर देश के व्यापारी व आम जनता के हित में उसे पूरी तरह सरलीकरण करे। अगर जीएसटी में सरलीकरण नहीं किया गया तो देश का व्यापारी व्यापार व उद्योग को बचाने के लिए सडक़ों पर आ जाएगा। जिसके तहत अनिश्चित काल के लिया हरियाणा बंद करना पड़ा तो प्रदेश का व्यापारी पीछे नहीं हटेगा।
इस कार्यक्रम में व्यापार मंडल के प्रदेश महासचिव पवन बुवानीवाला, भिवानी प्रधान नरेश गर्ग, भिवानी शहरी प्रधान विजय गुप्ता, सिरसा प्रधान हीरा लाल शर्मा, हरियाणा ग्वार गम एसो. प्रधान हनुमान केडिया, हिसार अनाज मंडी संत सिंगल, हरियाणा कॉटन मिल एसो. प्रधान सुशील मित्तल, हरियाणा हलवाई प्रधान जयप्रकाश गुप्ता, हरियाणा होटल, ढाबा व ब्लैकेट एसो. प्रधान अशोक भामरी, हरियाणा लकड़ एसो. प्रधान सतीश छिक्कारा बहादुरगढ, करनाल प्रधान जेआर कालरा, कैथल प्रधान श्रवन गोयल, रोहतक प्रधान गुलशन ढग़, यमुनानगर प्रधान बलदेव राज, सोनीपत प्रधान संजय सिंगला, झज्जर प्रधान सोहन सिंह गुज्जर, पानीपत प्रधान लक्ष्मी नारायण गुप्ता, अम्बाला प्रधान नीरू वडेरा, पलवल प्रधान विनोद जैन, गोहाना प्रधान विनोद जैन, टोहाना प्रधान राजेन्द्र ठकराल, नरवाना प्रधान नरेश जैन, आदमपुर प्रधान तरसेम गोयल, नारनौल प्रधान हरगोविन्द मित्तल आदि व्यापारी प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया।

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