हिसार

भाजपा MSP बढ़ाने का ढोंग करके किसानों को GST TAX के जरिए लूट रही है—रेणुका बिश्नोई

आदमपुर (अग्रवाल)
हांसी की विधायक रेनुका बिश्नोई ने शनिवार को आदमपुर हलके के गांव सलेमगढ़, काबरेल, खारिया, सुंडावास, पिरांवाली, ढंढूर, तथा नलवा हलके के गांव मिंगनीखेड़ा, गोरछी व मंगाली में विभिन्न जलपान कार्यक्रमों में भाग लिया, गांवों के कार्यकर्ताओं के साथ बूथ स्तर तक पार्टी की और ज्यादा मजबूती के लिए रणनीति बनाई तथा कुलदीप बिश्नोई व कांग्रेस पार्टी को और ज्यादा मजबूती देने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आपका नेता मजबूत होगा तो आप मजबूत होंगे और हमारी ताकत सिर्फ और सिर्फ आप लोग हैं। जिस तरह से चौ. भजनलाल ने अपने शासनकाल में क्षेत्र में विकास की गंगा बहाकर यहां के लोगों को रोजगार सहित हर क्षेत्र में उन्नत किया था, उसी प्रकार कुलदीप बिश्नोई भी आपकी ताकत बनकर आपके लिए काम करेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में विरोधियों ने जो छल कुलदीप के साथ किया था, वह छल उनके साथ नहीं, बल्कि आपके और आपके बच्चों के भविष्य के साथ किया था, क्योंकि कुलदीप बिश्नोई लोकसभा चुनाव जीतते तो क्षेत्र का स्वर्णिम दौर लौटता। इस षडयंत्र का बदला आपको आगामी चुनाव में विरोधियों से लेना है, इसलिए अभी से कमर कस लें।

रेनुका बिश्नोई ने कहा कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का हो-हल्ला मचा रही भाजपा सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा कर रही है, परंतु यह भी 15 लाख, काला धन, 2 करोड़ नौकरियों की तरह फैलाया जा रहा एक और झूठ है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर भाजपा सरकार ने किसानों के साथ सदैव धोखाधड़ी की है। पहला धोखा कृषि लागत का आंकलन कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की 2018-19 की सिफारिशों के आधार पर न करके 2017-18 के आधार पर किया गया है। इस एक साल की अवधि में डीजल से लेकर खाद-बीज, कीटनाशक, बिजली, कृषि उपकरणों इत्यादि की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि को भाजपा ने चालाकी से दरकिनार कर दिया है, जबकि किसान को तो इन सब पर वर्तमान कीमतें चुकानी पड़ रही है। दूसरा धोखा किया कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अनुसार निर्धारित मापदंडों को दरकिनार करके कृषि लागत का आंकलन। इस तरह भाजपा ने लागत +50 मूल्य के नाम पर चालाकी से हेराफेरी कर दी।

असल मायने में भाजपा के इस मनमाने आकलन के आधार पर किसानों को वास्तविक लागत (किसान की मजदूरी व परिश्रम, खाद-बीज, मशीन, सिंचाई और जमीन का किराया) के मुकाबले अलग-अलग फसलों पर 476 रूपए से 1401 रूपए कम देने जा रही है। देश में सत्ता विरोधी लहर के कारण आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपनी हार दिख रही है। पूरी तरह से चुनावी लाभ को ध्यान में रखते हुए एक नया जुमला भाजपा सरकार ने बाजार में उतारा है, परंतु इस बार जुमलों का लाभ भाजपा सरकार नहीं ले पाएगी, क्योंकि जनता जागरूक हो चुकी है।

फसलों के भाजपा द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य एक थोथी घोषणा है, जिसमें किसान हितों को पूरी तरह से नजरअंदाज करके जुमलेबाजी पर फोकस किया गया है, लेकिन भाजपा समझ ले कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। सरकार एक तरफ तो फसलों का एमएसपी बढ़ाने का ढोंग और दूसरी तरफ किसानों पर जीएसटी टैक्स का हमला कर रही है। 70 साल में पहली बार कृषि उत्पाद पर टैक्स लगाया गया। फर्टिलाइजर पर 5 प्रतिशत, टै्रक्टर, कृषि औजार पर 12 प्रतिशत, कीटनाशकों पर 18 प्रतिशत, कोल्ड स्टोरेज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर भाजपा किसानों को लूट रही है और झूठे प्रचार से किसान हितैषी होने का ढोंग रच रही है।

इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, जयवीर गिल, मानसिंह चेयरमैन, दलबीर सलेमगढ़, कृष्ण सेठी, राजेश काबरेल, संदीप ज्याणी, कृष्ण सरपंच, शिवांस बिश्नोई, अनिल मांझू, सुक्रम तेलनवाली, ललित सलेमगढ़ आदि उपस्थित थे।

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