हिसार

जन आक्रोश के चलते सीएम मनोहर लाल ने खोया मानसिक संतुलन-रेनुका बिश्नोई

हांसी,
अपने चार साल के शासनकाल की घोर असफलता, अनुभवहीनता में लिए गलत निर्णयों से हुए नुकसान तथा प्रदेश भर के हर वर्ग में जनता के आक्रोश को देखकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर संतुलन खो रहे हैं और उनकी बौखलाहट मीडिया कर्मियों पर निकल रही है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का काम ही प्रश्न पूछना होता है और गत दिवस जिस तरह से पत्रकारों पर सीएम भड़क गए, वह अशोभनीय है। मुख्यमंत्री शायद हरियाणा प्रदेश की बागडोर का भार नहीं सहन कर पा रहे। हांसी में दिखावे के लिए समस्याएं सुनना भी दर्शाता है कि भाजपा नेताओं को जनता की समस्याओं के निदान के प्रति कोई सरोकार नहीं है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि पहले हांसी में उनके द्वारा स्वयं की गई विकास की घोषणाओं को पूरा करे फिर हांसी की जनता से संवाद करे। यह बात विधायक रेनुका बिश्नोई ने रविवार को हलके के गांव घिराय, चैनत, भाटला, कुलाना, हांसी में डाटा रोड़, दयाल सिंह कालोनी, सिसाय पुल, सुभाष नगर, हुडा सेक्टर, जगदीश कालोनी, दड़ा बाजार, लाल सड़क, जैन गली में अनेक जलपान कार्यक्रमों के दौरान लोगों से बातचीत करते हुए कही।

इस दौरान उन्होंने बूथ स्तर तक पार्टी की और ज्यादा मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर विस्तार से रणनीति बनाई और लोगों के सुख-दुख में शिरकत भी की। रेनुका बिश्नोई ने कहा कि जनता के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि उन्हें ऐसा मुख्यमंत्री मिला जिन्हें जनता की वास्तविक समस्याओं को समझने के लिए समय नहीं है। गत दिवस ढंढूर में उन्होंने मिर्चपुर विस्थापितों के लिए आधारशिला तो रख दी, परंतु आदमपुर हलके के पांच गांवों, जिनमें ढंढूर भी शामिल हैं, वहां के ग्रामीणों की मालिकाना हक देने की वर्षों पुरानी मांग को सुनना भी मुनासिब नहीं समझा और ढंढूर में होते हुए भी ग्रामीणों को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में ग्रामीणों को घुसने तक नहीं दिया। यह भाजपा की की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। 

       रेनुका बिश्नोई ने इनेलो के जेल भरो आंदोलन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीतिक वजूद बचाने की जद्दोजहद में इनेलो नेता ड्रामेबाजी करने से पहले ये भी बताएं कि एसवाईएल की राह में सबसे बड़ा रोड़ा तो स्वयं चौटाला और उनके पगड़ी बदल भाई बादल परिवार रहा है। नाम तो आंदोलन का जेल भरो रख दिया, परंतु कितनी जेलें भरी ये भी बताएं? ये लोग क्या जेल भरेंगे जो आंदोलन के दौरान कार्यकर्ताओं को लाठियां खाने के लिए आगे कर देते हैं और स्वयं उस दौरान नजर नहीं आते। रेनुका ने कहा कि कुलदीप बिश्नोई तो वे नेता हैं, जिन्होंने 5 मार्च 2010 को जनहित के लिए कार्यकर्ताओं से आगे रहकर पुलिस की लाठियां अपने सीने पर खाई थी। उन्होंने कहा कि कार्यकत्र्ता हो या फिर अपनी पार्टी का कोई भी नेता इनेलो ने हमेशा उसे धोखा दिया। इनेलो ने कभी भी अपने कार्यकत्र्ताओं को मान-सम्मान नहीं दिया सिर्फ उन्हें गुमराह करके उनके साथ यूज एण्ड थ्रो वाली नीति अपनाई। यही इनेलो का इतिहास रहा है।

उन्होंने कहा कि आने वाला समय कांग्रेस पार्टी और कुलदीप बिश्नोई का है, इसलिए कार्यकर्ताओं एकजुट होकर बूथ स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए काम करें। राहुल गांधी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बनकर कुलदीप बिश्नोई क्षेत्र का चौ. भजनलाल वाला स्वर्णिम दौर वापिस लेकर आएंगे। हांसी की जनता का जो अहसान उन पर है, वह समय आने पर सूद समेत उसे चुकाएंगी और यहां पर विकास व रोजगार की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इनेलो हो या भाजपा दोनों में एक समानता है झूठ और झूठ का समय ज्यादा दिनों तक नहीं होता, जो झूठ व षडयंत्र इनेलो व भाजपा ने मिलकर कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ गत लोकसभा में रचा था, उसका बदला जनता आगामी चुनाव में लेगी।

इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, रविन्द्र बहार, सुभाष बेरवाल, कैलाश मंडावरिया, सुनील सैनी, देसराज सरपंच, पृथ्वी चैनत, नरेन्द्र सैनी, सुरजमल भाटोल, सुमेर जमावड़ी, नरेश जांगड़ा, राजू गोई, संतोष ढुल, सुरेन्द्र शर्मा, सचिन गिरधर, राजू बत्रा आदि उपस्थित थे।

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Jeewan Aadhar Editor Desk